भोपाल. डॉक्टर के परामर्श और पर्चे पर ही बेची जा सकने वाली दवाएं राजधानी के मेडिकल स्टोर्स पर बिना किसी पर्चे के ही आसानी से मिल रही हैं। इन दवाओं का इस्तेमाल नशे के लिए किया जा रहा है, जिसका प्रचलन स्कूल-कॉलेज जाने वाले बच्चों व युवाओं में बढ़ता जा रहा है। इन टेबलेट, इंजेक्शन, कैप्सूल आदि का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों में भी होना सामने आया है। इंटेलीजेंस की इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर तरुण पिथोड़े के निर्देश पर रविवार को जिले में सघन जांच अभियान चलाया गया।
आसानी से मिल गई दवा तो जब्त किया स्टॉक
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने रविवार को शहर की 10 से 15 दुकानों पर ग्राहक बनकर केवल पर्चे पर मिलने वाली दवाओं की मांग की जो आसानी से केमिस्ट ने उनके हाथ में थमा दी। ऐसे दुकानदारों के खिलाफ प्रशासनिक टीम ने प्रकरण बनाकर दवाओं का पूरा स्टॉक अपने कब्जे में ले लिया। कलेक्टर के निर्देश पर एक दुकान को सील कर दिया गया है। इसके अलावा आठ मेडिकल स्टोर्स से सैम्पल लेकर प्रकरण बनाए गए हैं।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने रविवार को शहर की 10 से 15 दुकानों पर ग्राहक बनकर केवल पर्चे पर मिलने वाली दवाओं की मांग की जो आसानी से केमिस्ट ने उनके हाथ में थमा दी। ऐसे दुकानदारों के खिलाफ प्रशासनिक टीम ने प्रकरण बनाकर दवाओं का पूरा स्टॉक अपने कब्जे में ले लिया। कलेक्टर के निर्देश पर एक दुकान को सील कर दिया गया है। इसके अलावा आठ मेडिकल स्टोर्स से सैम्पल लेकर प्रकरण बनाए गए हैं।
केमिस्ट ने छिपाकर रखा था स्टॉक
रविवार को कोलार क्षेत्र में चार मेडिकल स्टोर, इंद्रपुरी में दो मेडिकल स्टोर सहित कटारा और होशंगाबाद रोड की दवा दुकानों पर छापा मारा गया। कोलार स्थित दिलीप मेडिकल स्टोर पर नशे के रूप में उपयोग होने वाली दवाइयों को छुपा कर रखा गया था। जांच में उसका रिकार्ड भी उपलब्ध नहीं था जबकि दुकानदार को खरीदी और बिक्री के संबंध में ऐसी दवाओं का रिकार्ड रखना जरूरी है। इस पर ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश चौधरी ने कार्रवाई करते हुए दिलीप मेडिकल स्टोर कोलार को सील कर दिया।
रविवार को कोलार क्षेत्र में चार मेडिकल स्टोर, इंद्रपुरी में दो मेडिकल स्टोर सहित कटारा और होशंगाबाद रोड की दवा दुकानों पर छापा मारा गया। कोलार स्थित दिलीप मेडिकल स्टोर पर नशे के रूप में उपयोग होने वाली दवाइयों को छुपा कर रखा गया था। जांच में उसका रिकार्ड भी उपलब्ध नहीं था जबकि दुकानदार को खरीदी और बिक्री के संबंध में ऐसी दवाओं का रिकार्ड रखना जरूरी है। इस पर ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश चौधरी ने कार्रवाई करते हुए दिलीप मेडिकल स्टोर कोलार को सील कर दिया।
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