- फाईज़ अली सैफी, गाज़ियाबाद
गौरतलब है कि पकड़े गए अभियुक्तों द्वारा फर्जी वेबसाइट डब्ल्यू, डब्ल्यू, डब्ल्यू, डॉट डाटा एंड वर्क ऑनलाइन एवं क्यूकर डाॅट बना रखी थी, जिसपर बेरोजगार युवक-युवतियों का प्रोफाइल डाटा हुआ था। जिसे चुराकर अभियुक्त गण मोबाइल सिम प्राप्त कर लिया करते थे तथा फिर फोन पर बात करके नौकरी दिलाने के नाम पर एंट्री फीस व रजिस्ट्रेशन आदि के नाम पर पैसों की ठगी कर लिया करते थे। इतना ही नहीं, अभियुक्त गण इतने चतुर और चालाक है कि वह अब तक हजारों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका हैं। इनमें, गिरोह का सरगना रवि चौहान हैं, जिसने फर्जी आईडी के आधार पर कई खाते खोले हुए हैं। जिनमें, अभियुक्त रवि व अन्य अभियुक्त गण युवक-युवतियों को झांसा देकर पैसे डलवाया करते थे।
अभियुक्त गण ठगी किए गए पैसे को आपस में बांट लिया करते थे। इसके अलावा अभियुक्त गण प्रमोद की मोबाइल फोन की एक दुकान हैं, जो सिम लेने वाले लोगों की आईडी ले लिया करता था तथा आईजी का दुरुपयोग कर जालसाजी से सिम उपलब्ध किया करते थे। जिन्हें तीनों अभियुक्त गण युवक-युवतियों से ठगी करने में इस्तेमाल किया करते थे। दरअसल, अभियुक्त गण अब तक पंजाब, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली व हरियाणा आदि के हजारों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके हैं।