बिहार की सियासत में चारों ओर से की जा रही घेराबंदी को बाद तेजस्वी यादव प्रदेश की यात्रा पर निकलने पर मजबूर हुए और आगामी 23 फरवरी से बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर यात्रा निकालने जा रहे हैं। लेकिन प्रशांत किशोर ने प्रेस कांफ्रेस कर जिस अंदाज में नीतीश को सम्मान के साथ विकास का आइना दिखाया है, उसके बाद से लगने लगा है कि वो उनके खिलाफ वो रणनीति का प्रयोग करने को पूरी तरह से तैयार हैं जिसकी बदौलत उन्होंने 2015 में मोदी-शाह को मात देते हुए नीतीश को सत्ता में पहुंचाया था।
राजनीति की बातें करने से इतर प्रशांत ने मूल मुद्दे पर जोर दिया और विकासपुरूष की छवि वाले नीतीश के इस दावे पर सीधा प्रहार किया। प्रशांत ने जिस तरह से एक तरफ नीतीश को पितातुल्य बताते हुए ये साफ कहा कि उनका विरोध नीतीश से नहीं है। वहीं दूसरी तरफ पिछले तेरह-चौदह सालों के उनके शासन पर आंकड़ों के आधार पर सवाल भी उठाए हैं। लालटेन राज का नारा देने वाली नीतीश नीत सरकार को प्रशांत ने उसी मुद्दे पर घेरा और कहा कि बिहार में हर घर में बिजली पहुंची है, लेकिन बिजली खपत में बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। उन्होंने कहा कि देश के लोग 900 केवी बिजली खपत करते हैं लेकिन बिहार में ये आंकड़ा 200 के आसपास है।