Categories: विशेष

पीके का बिहार दौरा, बोले यहां तो साढ़े तीन करोड़ लोग आज भी गरीबी में जीने को मजबूर हैं

नई दिल्ली। दिल्ली में केजरीवाल सरकार को प्रचंड बहुमत से सत्ता में वापसी कराकर अपनी रणनीति का लोहा मनवा चुके प्रशांत किशोर के जेडीयू से निकाले जाने के बाद बिहार की धरती पर कदम रखने का सबको था इंतजार। जैसा कि वो पहले ही ऐलान कर चुके थे कि 18 फरवरी को पटना में आकर ही अपनी बात रखेंगे। जिसके बाद से ये कयास लगाए जाने लगे थे कि प्रशांत कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। अलग गठबंधन बनाने की थ्योरी भी दी जाने लगी। जिस पर हालिया में उप्रेंद्र कुशवाहा, मुकेश सहनी और शरद यादव की मुलाकात से बल भी मिला। कहा जाने लगा कि बिहार में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने को लेकर महागठबंधन में शामिल सहयोगी दल राजी नहीं हैं और सूबे में नए समीकरण बन सकते हैं। प्रशांत किशोर ने बिहार में पटना में प्रेस कांफ्रेंस की।

बिहार की सियासत में चारों ओर से की जा रही घेराबंदी को बाद तेजस्वी यादव प्रदेश की यात्रा पर निकलने पर मजबूर हुए और आगामी 23 फरवरी से बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर यात्रा निकालने जा रहे हैं। लेकिन प्रशांत किशोर ने प्रेस कांफ्रेस कर जिस अंदाज में नीतीश को सम्मान के साथ विकास का आइना दिखाया है, उसके बाद से लगने लगा है कि वो उनके खिलाफ वो रणनीति का प्रयोग करने को पूरी तरह से तैयार हैं जिसकी बदौलत उन्होंने 2015 में मोदी-शाह को मात देते हुए नीतीश को सत्ता में पहुंचाया था।

राजनीति की बातें करने से इतर प्रशांत ने मूल मुद्दे पर जोर दिया और विकासपुरूष की छवि वाले नीतीश के इस दावे पर सीधा प्रहार किया। प्रशांत ने जिस तरह से एक तरफ नीतीश को पितातुल्य बताते हुए ये साफ कहा कि उनका विरोध नीतीश से नहीं है। वहीं दूसरी तरफ पिछले तेरह-चौदह सालों के उनके शासन पर आंकड़ों के आधार पर सवाल भी उठाए हैं। लालटेन राज का नारा देने वाली नीतीश नीत सरकार को प्रशांत ने उसी मुद्दे पर घेरा और कहा कि बिहार में हर घर में बिजली पहुंची है, लेकिन बिजली खपत में बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। उन्होंने कहा कि देश के लोग 900 केवी बिजली खपत करते हैं लेकिन बिहार में ये आंकड़ा 200 के आसपास है।

बिहार को जंगलराज और लालू को बिहार के पिछड़ेपन की वजह बताने वाले नीतीश को पीके ने आज की स्थिति से भी अवगत कराया और कहा कि बिहार में देश के मुकाबले वाहनों का मालिकाना हक एक चौथाई है, साढ़े तीन करोड़ लोग आज भी बिहार में गरीबी में रहते हैं। प्रशांत के कहने का मतलब साफ है कि साहब, आपके दौर में भी स्थितियां कुछ खास नहीं बदली। बिहार में प्रति व्यक्ति आय के मामले में बिहार 2005 में 22वें नबंर पर था आज भी 22वें नंबर पर ही है। पीके ने कहा कि शहरीकरण हो या फिर जीडीपी का मुद्दा बिहार आज भी देश का सबसे गरीब राज्य है। प्रशांत किशोर ने तो सीधे-सीधे सारे मुद्दों पर जेडीयू के किसी भी नेता से बहस करने का चैलेंज भी दे दिया।
Send Your News to +919458002343 email to eradioindia@gmail.com for news publication to eradioindia.com

eradioIndia.com

Share
Published by
eradioIndia.com

Recent Posts

यूक्रेन को उसके की शांति समझौता में नहीं बुलाया

एडिलेड। सऊदी अरब में अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच इस हफ्ते होने वाली महत्वपूर्ण…

5 hours ago

भारत टेक्स 2025: ग्लोबल टेक्सटाइल कंपनियों के लिए भारत बना भरोसेमंद बाजार

नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि भारत के 5एफ विजन – फार्म (खेत) से…

3 days ago

भारत बनेगा परमाणु ऊर्जा का पावरहाउस: केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘विकसित…

3 days ago

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 18 की मौत

नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा हो गया है। यहां महाकुंभ की…

3 days ago

KMC Cancer Hospital में कैंसर गोष्ठी आयोजित

KMC Cancer Hospital में अन्तर्राष्ट्रीय ओएमएफ डे के अवसर पर कैंसर गोष्ठी का आयोजन किया…

4 days ago

Aaj Ka Rashifal: जानें क्या लिखा है आज के राशिफल में

Aaj Ka Rashifal: आज के राशिफल में क्या कुछ लिखा है इसे जानने के लिये…

4 days ago

This website uses cookies.