जबकि नवजात की माैत के दूसरे प्रमुख कारण सेप्सिस, बर्थ एफेक्सिया, हाइपाेथर्मिया, जन्म के समय बच्चे का वजन कम हाेना है। हमीदिया अस्पताल के शिशु राेग विभाग की प्राेफेसर डाॅ.ज्याेत्सना श्रीवास्तव ने बताया कि डिपार्टमेंट में अधिकांश बच्चे गंभीर हालत में भर्ती हाेते हैं, जिनमें करीब 40 फीसदी नवजात, वह हाेते हैं, जाे किसी दूसरे अस्पताल से प्राइमरी ट्रीटमेंट के बाद रैफर हाेते हैं। उन्हाेंने बताया कि बीते एक साल में एसएनसीयू में भर्ती हुए 800 से ज्यादा नवजाताें की विभिन्न बीमारियाें के कारण इलाज के दाैरान मृत्यु हुई है।
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