प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सतत जीवनशैली, संरक्षण तथा विकास के हरित मॉडल के प्रति संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में सीओपी के अध्यक्ष के रूप में भारत की भूमिका में मध्य एशियाई पक्षी उड़ान मार्ग के संरक्षण पर ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए भारत ने राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की है। उन्होंने कहा है कि भारत इस संबंध में अन्य देशों की कार्य योजनाओं में सहायता करने का इच्छुक है और भारत का लक्ष्य सभी के सक्रिय सहयोग से संरक्षण को नया रूप देना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अध्यक्ष के रूप में भारत प्रशांत गतिविधियों तथा समुद्री जैव विविधता संरक्षण के लिए आसियान देशों के साथ सहयोग को मजबूत बनाएगा। उन्होंने कहा कि भारत ने समुद्री कछुआ नीति तथा समुद्री स्थायी नीति प्रारंभ की है, ताकि समुद्री पारिस्थितिकी में माइक्रो प्लास्टिक से उत्पन्न प्रदूषण की समस्या से निपटा जा सके। फोकस के अन्य क्षेत्रों में सीमा पार सहयोग, आर्थिक विकास समितियों की स्थापना शामिल है।
सम्मेलन में ‘सुपर इयर फॉर इन्वॉयरनमेंट’ प्रारंभ किया। इसके तहत सितम्बर में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन होगा और 2020 के अंत में इसकी समाप्ति संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन के साथ होगी, जब अगले दशक के लिए नई वैश्विक जैव विविधता रणनीति-2020 के बाद वैश्विक जैव विविधता रूपरेखा-अपनाई जाएगी। भारत ने आज जैव विविधता की समस्या से निपटने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण पर फोकस के साथ अगले तीन वर्षों के लिए सीओपी की अध्यक्षता संभाल ली। अध्यक्षता ग्रहण करते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सीएमएस भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और भारत में सीओपी से प्रवासी प्रजातियों तथा उनके निवासों पर फोकस प्रारंभ होगा।