Categories: विशेष

मीट के कारोबार के चलते आक्रामक हो रहे कुत्ते, फैला रहे रैबीज

पत्रकार आदेश जैन ने शहर में पड़ताल कर खूंखार हो रहे कुत्तों के पीछे की वजह ढ़ूंढ निकाली।     PIC: eradioindia.com

  • संवाददाता, ई-रेडियो इंडिया

मेरठ। शहर से लेकर देहात तक अवारा कुत्तों और बंदरो का आतंक है। रेबीज दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी मे से एक है। किसी को रेबीज हुआ तो परिवार हाथ मलता रह जाता है। लम्बे समय से जिला अस्पताल में चल रही एंटी रेबीज वैक्सीन की किल्लत लेकिन बहुत देर के बाद ही सही प्रदेश मुख्यालय ने मेरठ में 1000 एंटी रैबीज वैक्सीन की खेप भेजी है। 

  • जिले में वैक्सीन की है भारी डिमांड, सप्लाई न के बराबर
  • ‘दावा कोरोना वायरस से लड़ने का’, पास नहीं ऐंटी रेबीज वैक्सीन

नगर निगम के सभी दावे खोखले साबित हुए। कुत्ते और बंदर कम करने के लिए नसबंदी और पकड़ने को कोई कदम नहीं उठाया जा रहा जिसके चलते कुत्तों और बंदरों की संख्या लगतार बढ़ रही है। जिला अस्पताल में ही रोजाना औसतन 150 वैक्सीन की डिमाड है इसके अतिरिक्त 12 सीएचसी में भी बड़ी संख्या में वेक्सीन की डिमांड है। एक अनुमान के मुताबिक जिले में 12-13 हजार वेक्सीन की आवश्यकता है वहीं वैक्सीन की कमी के चलते मरीज मेडिकल स्टोर और निजी अस्पतालों से वेक्सीन खरीदने को मजबूर हैं।

इनके काटने से हो सकता है रेबीज

  • कुत्तें, बंदर, चमगादड, सियार, बाघ, शेर, लोमड़ी, नेवला, भेड़िया, तेदुआ, छछुंदर, बिल्ली, चूहा, गाय, घोड़ा व भैस के काटने से रेबीज होने का खतरा होता है।
  • इसका वायरस सीधे दिमाग में असर करता है।
  • जहां हाइड्रोफोबिया बना देता है।
  • मरीज को पानी से डर लगता है।
  • मरीज कुत्ते की तरह से भौंकता है।
  • सप्ताह भर में मरीज की मौत तय है।
  • इसमें दुनिया की कोई दवा काम नहीं करती।

क्यों हो रहे है जीव आक्रामक?

ई-रेडियो की पड़ताल में पता चला कि शहर में मांस का करोबार ज्यादा होने से कुत्तों में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ती है। पर्यावरण में हो रहे बदलाव से भी जीवों में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ रही है वहीं प्रजनन के चक्र में कुत्ते ज्यादा अक्रामक होते हैं, कुत्ते 12 माह ही इस प्रक्रिया से गुजरते हैं, हर जगह कुत्ते काटने की घटनायें सब से ज्यादा होती हैं।

क्या करें उपाय?

कुत्ता, बंदर या अन्य किसी जीव के काटने पर घाव को बहते पानी में दस मिनट तक साबुन से धोयें इसे ज्यादातर वायरस बह जाते हैं। 24 घंटे में पहला डोज लें, डाक्टर की सलाह से पांच डोज लिये जाते है।शासन द्वारा एंटी 

रेबिज की 9000 वायल फिक्स कर दी गई जाबकी खपत 12000 की है। कई बार लोग साधारण चोट लगने पर भी वैक्सीन लगवा लेते है, फिलहाल अधार कार्ड देखकर ही वैक्सीन लगाई जा रही है। शासन से अतिरिक्त डोज की मांग की गई है। – डॉ. राजकुमार, सीएमओ मेरठ 

Send Your News to +919458002343 email to eradioindia@gmail.com for news publication to eradioindia.com

eradioIndia.com

Share
Published by
eradioIndia.com

Recent Posts

यूक्रेन को उसके की शांति समझौता में नहीं बुलाया

एडिलेड। सऊदी अरब में अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच इस हफ्ते होने वाली महत्वपूर्ण…

5 days ago

भारत टेक्स 2025: ग्लोबल टेक्सटाइल कंपनियों के लिए भारत बना भरोसेमंद बाजार

नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि भारत के 5एफ विजन – फार्म (खेत) से…

1 week ago

भारत बनेगा परमाणु ऊर्जा का पावरहाउस: केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘विकसित…

1 week ago

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 18 की मौत

नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा हो गया है। यहां महाकुंभ की…

1 week ago

KMC Cancer Hospital में कैंसर गोष्ठी आयोजित

KMC Cancer Hospital में अन्तर्राष्ट्रीय ओएमएफ डे के अवसर पर कैंसर गोष्ठी का आयोजन किया…

1 week ago

Aaj Ka Rashifal: जानें क्या लिखा है आज के राशिफल में

Aaj Ka Rashifal: आज के राशिफल में क्या कुछ लिखा है इसे जानने के लिये…

1 week ago

This website uses cookies.