बिहार

सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो आरोपियों को एडीजे प्रथम ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

अररिया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने भादवि की धारा 376 डी,341,323,34 के तहत सिमराहा थाना क्षेत्र के हल्दिया वार्ड संख्या 11 के रहने वाले 26 वर्षीय अकरम पिता -स्व. बद्धु उर्फ अलाउद्दीन एवं उसी गांव के रहने वाले 55 वर्षीय हेफाज उर्फ हफीजुद्दीन मियां पिता -स्व.मोसर्रफ को सजा सुनाई है।मामले में बहस में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक राजानंद पासवान थे।जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता के. एन.विश्वास और सोहन लाल ठाकुर ने बहस की।

घटना 22 जनवरी 21 के मध्य रात्रि की है और मामला स्वयं पीड़िता के द्वारा महिला थाना में 23 जनवरी 2021 को केस संख्या 14/21 दर्ज करवाया गया था।

महिला थाना में दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता ने बताया था कि गांव के ही एक युवक मो.शहजाद से वह दो साल से प्यार करती थी।शादी का प्रलोभन देकर शहजाद ने कई बार उनसे शारीरिक संबंध स्थापित किया था।जिसका वीडियो मोबाइल में अकरम और हेफाज़ बनाकर धमकी देता रहता था।मकई के खेत में आरोपितों के द्वारा उनके साथ मकई के खेत में कई बार बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था।आवेदन में उन्होंने डर के मारे किसी से घटना का जिक्र नहीं करने की बात करते हुए 8 माह की गर्भवती होने पर गांव में पंचायती की बात कही गई।जिसमे मामले को रफा दफा करने का दबाव बनाया गया लेकिन पीड़िता तैयार नहीं हुई।फलस्वरूप 22 जनवरी 21 की रात घर में घुसकर मारपीट करने की बात कही गई।पीड़िता ने अपने प्राथमिकी में छह नामित के खिलाफ मामला दर्ज कराया था,जिसमे पुलिस की ओर से हेफाज और अकरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।जबकि दो अन्य आरोपी मो. आशिक और गयूर को निर्दोष बताते हुए दो अन्य के खिलाफ अनुसंधान जारी होने का जिक्र पुलिस की ओर से किया गया।

एडीजे प्रथम कोर्ट ने दोषी अकरम को आजीवन सश्रम कारावास के साथ 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा और जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतने की सजा सुनाई।वहीं हेफाज को कोर्ट ने 20 वर्ष की सश्रम कारावास के साथ 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा और जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतने की सजा सुनाई।कोर्ट ने अपने आदेश में अररिया डीएम को पीड़िता के पुनर्वासन के साथ साथ सामूहिक ब्लात संग से उत्पन्न बच्चे के कक्षा 12 तक शिक्षा दीक्षा का प्रबंध करने का निर्देश दिया।वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता और उसके बच्चे को अलग अलग बिहार पीड़ित प्रतिकर अधिनियम के अधीन सहायता राशि देने का निर्देश दिया है।

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