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अनंत चतुर्दशी आज, बरसेगी अनन्त भगवान की अनंत कृपा

Ananat Chaturdarshi

 भाद्रपद शुक्ल पक्ष   अनंत चतुर्दशी इस बार 17 सितंबर मंगलवार में मनाई जाएगी। ज्योतिष अनुसार गत सोमवार को दोपहर बाद 3:05 पर ही चतुर्दशी प्रारंभ हो चुकी है। जो मंगलवार को दोपहर 11:45 तक रहेगी। उदया तिथि की प्रधानता अनुसार अनंत चतुर्दशी मंगलवार में यानी आज मनाई जाएगी और अत्यंत मंगलकारी रहेगी। सबसे खास बात तो है कि इस दिन सूर्य और बुध ग्रह एक साथ सिंह राशि में गोचर करेंगे। जिससे बुधादित्य योग का निर्माण होगा। जिस कारण अनंत चतुर्दशी पर इस बार ईश्वर की अनंत कृपा बरसेगी।

यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेशजी की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है। इस दिन पूजा- अर्चना करने से भक्तों को सुख- समृद्धि, यश-वैभव व संपन्नता प्राप्त होती है। इस दिन 14 गांठ लगे अनंत धागे की विशेष पूजा होती है।

अनंत चतुर्दशी का महत्व 

इस दिन को भगवान विष्णु को समर्पित करते हुए भक्त उपवास रखते हैं। कई जगहों पर हल्दी के 14 गांठों की एक माला बनाई जाती है। माना जाता है कि ये 14 गांठ भगवान विष्णु की ओर से बनाए गए 14 लोकों का प्रतीक हैं। इस माला को अनंत कहते हैं। इसे 14 दिन तक बांध के रखा जाता है।

पूजा विधि

सुबह उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें। घर या मंदिर में पूजा कर सकते हैं। पूजाघर में गंगाजल छिड़ककर कलश की स्थापना करें। कलश में कुश से निर्मित अनंत की स्थापना करें। यदि कुश से अनंत बनाना संभव न हो तो आप भगवान विष्णु की तस्वीर भी रख सकते हैं। इसके बाद अनंत सूत्र तैयार करने के लिए एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर इसमें चौदह गांठ लगा दें। इसे भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने चढ़ा दीजिए। अब हल्दी, अक्षत, फूल, फल, नैवेद्य से भगवान की पूजा करें। अनंत चतुर्दशी की व्रत कथा पढ़ें और भगवान की आरती करें। पुरुष अनंत सूत्र को दाएं हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में बांधें।

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