Ayodhya Vidhansabha 2022: योगी अयोद्धा से क्यों लड़ रहे हैं चुनाव
Ayodhya Vidhansabha 2022: योगी अयोद्धा से क्यों लड़ रहे हैं चुनाव

Ayodhya Vidhansabha 2022: योगी अयोद्धा से क्यों लड़ रहे हैं चुनाव

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Ayodhya Vidhansabha 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव किस सरगर्मियां रफ्तार पकड़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की सबसे चर्चित विधानसभा सीट अब सुर्खियों में है। जी हां हम बात कर रहे हैं अयोध्या की जहां से उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं।

इस बार अयोध्या कई कारणों से चर्चा में है। पहला कारण तो आप जानते ही होंगे कि यहां पर श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, और दूसरा कारण है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का यहां से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर करना। इन दोनों बातों को लेकर के इस समय उत्तर प्रदेश में सियासत गर्म है। तो इस वीडियो में हम जानेंगे कि आखिर योगी आदित्यनाथ अयोध्या से ही चुनाव लड़ने की मंशा क्यों जाहिर कर रहे हैं….

Ayodhya Vidhansabha 2022: पांच बार से लगातार जीत रहे योगी

आपको बता दें कि यूपी के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार से लगातार गोरखपुर से चुनाव जीतते आ रहे हैं और उनका हिंदुत्ववादी रवैया उनको एक अलग पहचान दे रहा है। अयोध्या से चुनाव लड़ने पर भारतीय जनता पार्टी के हिंदुत्व एजेंडे को बल मिलेगा तो वही प्रदेश की जनता में यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि धार्मिक स्थलों को आगे बढ़ाने में योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी तन मन से लगे हैं।

80 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन से राजनीति में एंट्री करने वाली बीजेपी के लिए 3 दशक के बाद भी चुनाव का रास्ता मंदिर से ही होकर गुजरता है। हर चुनाव में बीजेपी के मेनिफेस्टो में राम मंदिर अहम मुद्दा रहा है। 2014 के आम चुनाव में राम मंदिर का निर्माण बीजेपी के हम घोषणाओं में से एक था।

सिर्फ इतना ही नहीं अयोध्या में चुनाव लड़ने से अवध क्षेत्र के 82 सीटों पर भी इसका असर पड़ सकता है। साथ ही पूर्वांचल में भी मदद मिलेगी। नेताओं का यह मानना है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने से जो माहौल पूरे उत्तर प्रदेश में बना था, उसी तरह का माहौल योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने से बन सकता है।

इन जिलों के कई नेता बगावत कर पार्टी छोड़ चुके हैं, ऐसे में पार्टी के लिए इस कमी को पाटने का ये अच्छा मौका हो सकता है। ओबीसी के दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी की जो किरकिरी हुई है और साथ ही राज्य में सरकार के खिलाफ जो माहौल बन रहा है उसका असर कम करने के लिए पार्टी को हिंदुत्व के मुद्दे का ही बड़ा सहारा रहेगा। इस मुद्दे को हवा देने के लिए योगी और अयोध्या का कॉम्बिनेशन अच्छा है।

अयोध्या के दौरे को देखें तो शायद ही उन्होंने किसी जिले के इतने चक्कर लगाए होंगें, योगी आदित्यनाथ ने पिछले 5 सालों में करीब 42 बार अयोध्या के दौरे पर जा चुके हैं। देखना यह होगा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में क्या वाकई योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनावी ताल ठोकने के लिए तैयार है या फिर उन्होंने अपना कोई भी प्लान भी तैयार किया हुआ है।

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पत्रकारिता में बेदाग 11 वर्षों का सफर करने वाले युवा पत्रकार त्रिनाथ मिश्र ई-रेडियो इंडिया के एडिटर हैं। उन्होंने समाज व शासन-प्रशासन के बीच मधुर संबंध स्थापित करने व मजबूती के साथ आवाज बुलंद करने के लिये ई-रेडियो इंडिया का गठन किया है।

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