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इस शैली को अपनाकर ‘छू-मंतर’ कर सकते हैं कोरोना वायरस को

इस शैली को अपनाकर 'छू-मंतर' कर सकते हैं कोरोना वायरस को

इस शैली को अपनाकर 'छू-मंतर' कर सकते हैं कोरोना वायरस को

अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण अधिकाधिक युवा, खासकर 30-40 वर्ष आयु वर्ग वाले, कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन से संक्रमित हो रहे हैं। भारतीय युवाओं की अनियमित दिनचर्या के चलते उनका आहार भी प्रभावित होता है। जंक फूड के सेवन, स्मार्टफोन और कंप्यूटर स्क्रीन पर पर घंटों लगे रहने से इस आयु वर्ग के लोगों की इम्युनिटी प्रभावित होती है, जिससे वे कोविड के शिकार हो रहे हैं,’ शुद्धि आयुर्वेद के संस्थापक गुरु मनीष जी ने यह बात कही। शुद्धि का कॉर्पोरेट मुख्यालय चंडीगढ़ के पास स्थित है और पूरे भारत में इस बैनर तले 160 से अधिक क्लीनिक संचालित हंै।

गुरु मनीष जी, ने खुद को भारत के सबसे प्रभावशाली आयुर्वेदिक और पारंपरिक भारतीय उपचार विधियों के विशेषज्ञ के रूप में स्थापित किया है।

गुरु मनीष जी ने कहा, ‘कोविड मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि नया वायरस अधिक वायरल है और अपने रूप को निरंतर बदल रहा है, जिसके कारण इसे बड़े स्तर पर मानव शरीर में प्रवेश करने में सहूलियत हो रही है। हालांकि, दूसरी तरफ भारतीय लोग इतनी तत्परता से कोविड के खतरे को दूर रखने की अपनी रणनीति नहीं बदल रहे हैं। भारतीय नागरिक आयुर्वेद द्वारा सुझाए प्राकृतिक इम्यूनिटी बढ़ाने के उपायों का समय रहते प्रयोग नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यह वायरस रोजाना लाखों भारतीयों को अपनी चपेट में ले रहा है।’

गुरु मनीष जी ने कोविड पॉजिटिव और कोविड से मिलते जुलते लक्षणों वाले लोगों के लिए ‘पीएच संतुलित आहार’ योजनाओं की घोषणा की।

गुरु मनीष जी ने कहा, ‘हम पीएच संतुलित आहार लेकर अपने शरीर की प्रतिरोधक शक्ति और इम्यूनिटी में प्राकृतिक रूप से में सुधार कर सकते हैं। इसमें आम तौर पर नारियल पानी, ताजे खट्टे फलों का रस, सब्जियों का रस, मौसमी सलाद, खीरा, सब्जी का सूप आदि शामिल होता है। मैं एक-दो दिन के उपवास की सिफारिश करता हूं, जिससे शरीर को नई शक्ति मिलने में मदद मिलती है, प्रतिरक्षा बढ़ती है और यह डिटॉक्सीफाई भी होता है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि ‘लंघनं परम औषधं’ अर्थात उपवास सबसे अच्छी दवा है अथवा ‘शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन सर्वोत्तम औषधि है’ जिससे रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है।’

गुरु मनीष जी ने बताया कि भारतीयों को प्राकृतिक तरीकों से अपनी सैन्य कोशिकाओं या टी लिम्फोसाइट्स को मजबूत करने की आवश्यकता है। यह उचित भोजन के सेवन, समय-समय पर उपवास रखने, कुछ खाद्य पदार्थों और पेय के परहेज, खूब सारा तरल पदार्थ ग्रहण करने और योगाभ्यास करने से संभव है, मुख्य रूप से श्वास तकनीक जैसे प्राणायाम, अनुलोम विलोम, कपालभाति आदि करके।

टीकाकरण अभियान पर प्रकाश डालते हुए, गुरु मनीष जी ने कहा कि टीकाकरण सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी हैं और कुछ मामलों में तो गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी दुष्प्रभाव के बिना प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने के लिए आयुर्वेद जैसी पारंपरिक भारतीय प्रणालियों का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।

लॉकडाउन के विकल्प पर बोलते हुए गुरु मनीष जी ने कहा कि लॉकडाउन अंतिम उपाय होना चाहिए, क्योंकि इससे देश में आर्थिक कठिनाइयांं भी उत्पन्न हो गयी थीं। उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों की इम्युनिटी में सुधार करने की जरूरत है, ताकि वायरस के संक्रमण की प्रक्रिया धीमी रहे।

इस बीच शुद्धि आयुर्वेद ने कोविड से लड़ने में मदद के लिए विषहर रस, 32 जड़ी-बूटियों वाली चाय और आयुष काढ़ा का अनावरण किया। विषहर रस में नीम और गिलोय जैसे प्रमुख तत्व होते हैं, जिनमें उच्च एंटीवायरल गुण होते हैं। चाय में 32 औषधीय जड़ी-बूटियां शामिल हैं जैसे इलायची, दालचीनी आदि जिनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और आयुष क्वाथ में तुलसी, काली मिर्च और शुंठी होती है जो प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करती है।

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