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यौन हिंसा का तड़का, बंगाल चुनाव हुआ दिलचस्प

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनावी उबाल अपने चरम पर है। अभी दो चरणों बाकी हैं। इसमें यौन उत्पीड़न का तड़का डाल दिए जाने से यह बेहद रोचक हो गया है। इसमें दो किरदार उभर कर सामने आए है। संदेशखाली का बलात्कार कांड तो पहले से ही था। अब इसमें राज्यपाल का नाम भी जुड़ गया है।

राज्यपाल से ही शुरू करते हैं। राजभवन सचिवालय में एक महिला ने राज्यपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पहले तो उसने राजभवन चौकी में शिकायत की थी इसके बाद उसने हेयर स्ट्रीट थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। एक जमाने से राज्यपाल और ममता बनर्जी एक दूसरे के खिलाफ तलवार ताने मैदान में खड़े हैं। इस घटना के बाद तो राज्य सरकार को एक मजबूत हथियार मिल गया है।

पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इधर, राज्यपाल ने राजभवन में पुलिस प्रवेश पर रोक लगा दी है। राजभवन कर्मचारियों को आदेश दिया है वह पुलिस बुलावे पर बयान देने नहीं जाए। पुलिस कहां पीछे रहने वाली है। बताया जाता है कि पुलिस ने लोक निर्माण विभाग से राजभवन का वीडियो तलब कर लिया है और मुकदमा मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्यपाल को अभी तक राजभवन महिला कर्मचारी के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के हमले का मुकाबला करना पड़ रहा था।

इसमें एक और नया पेंच जुड़ गया है। कोलकाता की एक ओडिसी नृत्यांगना में आरोप लगाया है कि राज्यपाल ने दिल्ली में उसका यौनशोषण किया था। पीड़िता के मुताबिक यह घटना पिछले साल घटी थी, पर उसने इस साल थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। राज्यपाल ने इस मामले में अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। पर पुलिस अपनी कार्रवाई पूरी करने में लगी है। राज्यपाल को संवैधानिक सुरक्षा मिली हुई है। उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। अब क्या होगा इसका खुलासा थोड़ा आगे करेंगे।

अब दूसरा किरदार है संदेशखाली। संदेशखाली तो अब एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के खिलाफ महिलाओं से बलात्कार किए जाने का खुलासा हुआ तो तृणमूल कांग्रेस बैक फुट पर आ गई। हाई कोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौप दी है। तृणमूल कांग्रेस को बचाव का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। इधर, इसी दौरान एक वीडियो वायरल हो गया है। इसमें एक भाजपा नेता गंगाधर कयाल को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि महिलाओं को दो दो हजार रूपए देकर बलात्कार किए जाने का फर्जी आरोप लगाया गया था।

इसके बाद तो तृणमूल कांग्रेस की सरकार और उसके नेता हमलावर हो गए है। कयाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल उन्हें हाई कोर्ट से सुरक्षा कवच मिला हुआ है। भाजपा नेता इस वजह से बचाव की मुद्रा में होने के बावजूद हमलावर बने हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल में जब भी सभा कर रहे हैं तो संदेशखाली मुद्दे पर जरूर बोल रहे हैं। अलबत्ता भाजपा नेताओं का दावा है कि यह वीडियो फर्जी है और तृणमूल ने इसे तैयार कराया है।

संदेशखाली में रहने वाली और बशीरहाट से भाजपा उम्मीदवार रेखा पात्र पर
भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। बहरहाल अब सवाल उठता है कि इस ड्रामे का पर्दा कब गिरेगा। इसका हश्र क्या होगा। यह सब निर्भर करता है चुनावी परिणाम पर।

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