मेरठ। भारतीय किसान यूनियन ने सोमवार को मेरठ में कलक्ट्रेट पर धरना देते हुए सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। भाकियू पदाधिकारियों ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के आश्वासन पर भरोसा कर दिल्ली बार्डर से अपने मोर्चे उठाने का ऐलान किया था। लेकिन सरकार अपने वादों से मुकर गई है।
सौंपा गया छह सूत्रीय ज्ञापन
31 जनवरी 2022 को विश्वासघात दिवस मनाया गया। लेकिन उसके बाद अब भी लगातार किसानों की उपेक्षा की जा रही है और सरकार नहीं जाग रही है। भाकियू ने लिखित मांगों को पूरा करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति के नाम छह सूत्रीय ज्ञापन एसीएम को सौंपा। भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी, नरेश मवाना, हर्ष चाहल, अनुराग चौधरी, गौरव सिंह तेवतिया, देशपाल हुड्डा, लोकेश, बबलू जटौली, मोनू, सुशील कुमार पटेल व विनोद जटौली आदि शामिल रहे।
11 से 17 अप्रैल तक एमएसपी पर कानूनी गारंटी सप्ताह
भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि सरकार को उसके लिखित वादों की याद दिलाई जा रही है। जिससे वह उसे पूरा करें। संयुक्त किसान मोर्चा 11 से 17 अप्रैल के बीच एमएसपी की कानूनी गारंटी सप्ताह आयोजित करेगी। यदि सरकार अपने आश्वासन पर अमल नहीं करती है तो किसानों के पास आंदोलन को दोबारा शुरू करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।
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