Bihar Election: भगवान को मिटाने वाला पप्पू यादव भगवान की शरण में क्यों?

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pappuYadav
  • संवाददाता, ई-रेडियो इंडिया

पटना। कहते हैं कि राजनीति के गलियारों में चहलकदमी करने वालों का कोई ईमान धर्म नहीं होता है… इस कहावत पर भरोसा लोग जल्दी से नहीं करते लेकिन हाल ही में एक ऐसा वाकया सामने आया जिसे देखकर आंखे फट गई….

बिहार में चुनावी मौसम ने अंगड़ाई ली है तो ऐसे में तमाम सूरमा ताल ठोंककर जोर आजमाइश करने में व्यस्त हैं। राजनीतिक अखाड़े में दांव पेंच का घिनौना खेल जारी है और ऐसे में सबसे ज्यादा भ्रम में बिहार की आम जनता है। नेताओं का चरित्र आम आदमी की पकड़ से काफी दूर है।

किसका दामन पकड़ना उचित होगा…. किसके साथ खड़े होने में भलाई है.. रंग बदलते राजनीतिक चेहरों को देखकर वाकई कोई कयास नहीं लगा सकता। इससे पहले कि आगे की कहानी आपको बताऐं, आइये देखते हैं ये वीडियो….

बिहार के मधेपुरा के सबसे मजबूत दोवदारों में रहने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव का यह बदलता रंग देखकर बिहार ही नहीं दूसरे प्रदेश के लोग भी हैरत में हैं…. कारण है उनकी बहकती जुबान…….

2019 के लोकसभा चुनाव में ई-रेडियो इंडिया ने उनका इंटरव्यू किया था…. उप-संपादक सिकेन शेखर से साक्षात्कार के दौरान पप्पू यादव की ज़बान कैसी बहक रही थी जरा सुन लीजिये…

भगवान को मौका मिलते ही भारत से भगाने की बात कहने वाला बिहार का यह मौकापरस्त नेता, मौका आते ही खुद भगवान के चरणों में जा बैठा… शायद पप्पू यादव….. बाबा विश्वनाथ मंदिर में अपनी गंदी जुबान को पाक-साफ करने की भीख मांग रहा है…

ई-रेडियो इंडिया बिहार की जनता को गुमराह करने वाले हर एक शख्स पर बारीकी से नजरें गड़ाये बैठा है…. दरअसल 2014 के लोकसभा चुनावों में जीत के स्वाद ने पप्पू यादव के दिमाग को खराब कर दिया था…. इसीलिये वो भगवान को ही धरती से मिटाने का दम्भ भरने लगा….

लेकिन वर्ष 2019 के चुनावों में मिली करारी हार ने उसके दिमाग को एकबार फिर से लाइन पर ला दिया…. ये वहीं पप्पू यादव है जो… अभिमानी था…. अतिवादी था…. और इंसानों की औकात पैसों से नापने की बात करता था…. अब चुनावी मौसम आया तो टपाक से रंग बदल लिया और बाबा विश्वनाथ के चरणों में गिड़गिड़ा रहा है…. और शायद चुनाव जीतने की भीख भी मांग रहा हो तो कोई बड़ी बात नहीं…..

जीतना हारना तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन पप्पू बाबू का चरित्र सबके सामने…. बिहार की जनता को अपना नेता चुनना है… सेहतमंद चुनाव सम्पन्न कराना है … हमारा काम था याद दिलाने का…. सो हमने अपना वादा पूरा किया…. फिर मिलेंगे किसी और एपिशोड में किस सिरफिरे की कहानी के साथ… नमस्कार….

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पत्रकारिता में बेदाग 11 वर्षों का सफर करने वाले युवा पत्रकार त्रिनाथ मिश्र ई-रेडियो इंडिया के एडिटर हैं। उन्होंने समाज व शासन-प्रशासन के बीच मधुर संबंध स्थापित करने व मजबूती के साथ आवाज बुलंद करने के लिये ई-रेडियो इंडिया का गठन किया है।

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