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यूपी में भाजपा रामपुर मॉडल पर लड़ेगी उपचुनाव

UP me Bhajpa

यूपी में विधानसभा उपचुनाव भाजपा और योगी सरकार ‘रामपुर मॉडल’ पर चुनाव लड़ेगी। उपचुनाव में 9 में से 7-8 सीटें जीतने के लिए सीएम योगी के नेतृत्व में भाजपा ठोस रणनीति के साथ उपचुनाव के मैदान में उतर गई है। विधानसभा की मिल्कीपुर, कटेहरी, करहल, सीसामऊ, मझवां, कुंदरकी, खैर, मीरापुर, गाजियाबाद और फूलपुर सीट पर उपचुनाव होना है। हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा नहीं की है। 9 सीटों पर ही 13 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होना है।

विधानसभा चुनाव 2022 में सीसामऊ, कुंदरकी, कटेहरी, मिल्कीपुर और करहल सीट सपा ने जीती थी। मीरापुर सीट सपा से गठबंधन कर रालोद ने जीती थी। लोकसभा चुनाव में भी इन 10 में से 7 सीटों पर सपा ने बाजी मारी थी। गाजियाबाद, फूलपुर और खैर में भाजपा प्रत्याशी जीते थे। लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए कहा जा रहा है कि उपचुनाव में सभी सीटों पर मुकाबला कड़ा होगा।

2022 में रामपुर से सपा विधायक आजम खान को एक केस में दो साल से ज्यादा की सजा होने से उनकी सदस्यता रद्द हो गई। रामपुर विधानसभा क्षेत्र में 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। इसमें अगर यादव मतदाता भी जुड़ जाते हैं, तो करीब 55 फीसदी वोट सपा के पक्ष में होता है। ऐसे में यह सीट निकालना भाजपा के लिए मुश्किल होता है।

2022 में सरकार और भाजपा ने रामपुर उपचुनाव जीतने के लिए एक मॉडल तैयार किया। हर बूथ के एक-एक मतदाता का फीडबैक जुटाया। भाजपा समर्थित मतदाताओं का शत प्रतिशत मतदान हो, इसकी व्यवस्था की गई। इसका नतीजा यह रहा कि दिसंबर 2022 में मुस्लिम बहुल सीट पर भाजपा के आकाश सक्सेना उपचुनाव जीतकर विधायक बने। तब से उपचुनाव का ‘रामपुर मॉडल’ चर्चा में आया। भाजपा का सपा की 4 सीटों पर रामपुर मॉडल लागू करने पर फोकस है। यह सीटें हैं- सीसामऊ, कुंदरकी, कटेहरी और करहल।

हालांकि सपा हमेशा आरोप लगाती रही है कि रामपुर में फर्जी मतदान रोकने, संदिग्ध लोगों को पाबंद करने के नाम पर सपा समर्थित मतदाताओं को चुनाव से पहले थानों में बंद कर दिया गया था। इतना ही नहीं, यादव और मुस्लिम बस्तियों के बाहर पुलिस का पहरा लगाकर उन्हें मतदान नहीं करने दिया गया।

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्रनाथ भट्‌ट कहते हैं- आरोप लगाए जाते हैं कि रामपुर उपचुनाव में भाजपा ने मुसलमानों को वोट नहीं देने दिया। लेकिन, सच्चाई यह है कि रामपुर में आजम खान भी हिंदुओं को ही नहीं, अपने विरोधी मुसलमानों को भी मतदान नहीं करने देते थे। रामपुर उपचुनाव में भाजपा सरकार ने फर्जी वोट नहीं होने दिया और न ही किसी तरह की गड़बड़ी करने दी।

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