- मनोज मिश्र || मेरठ
Chandrashekhar Ravan in Meerut: आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि किसान आंदोलन बीजेपी की तानाशाही सरकार के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम करेगा। यह सरकार उन किसानों के शोषण पर उतर आई है जिसने उनकी सरकार बनाई।
आपको बता दें कि, मेरठ (Chandrashekhar Ravan in Meerut) में बुढ़ाना गेट स्थित अपार चेंबर में पत्रकार वार्ता के लिए पहुंचे चंद्रशेखर आजाद पुलिस के व्यवहार से आहत दिखे। उन्होंने कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर विफल हो रही है। अब वह लोगों की आवाज दबाने में जुटी है। उनकी प्रेसवार्ता को रोककर सरकार चाहती है कि वह हंगामा करें लेकिन, वह जनता से जुड़े व्यक्ति हैं। सड़क पर खड़े होकर भी वह अपनी बात कह सकते हैं।
आपको बता दें कि पत्रकार वार्ता जहां होनी थी, उस अपार चैम्बर पर ताला लगवा दिया गया और चंद्रशेखर रावण ने बाहर की पत्रकार वार्ता की और वापस चले गये।
Chandrashekhar Ravan in Meerut: किसानों के साथ हो रही ज्यादती
उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर किसान आंदोलन में जो कुछ हुआ, वह नरेंद्र मोदी सरकार की साजिश है। उपद्रवियों को किसानों के बीच पहुंचाकर इस सरकार ने आंदोलन को खत्म करने का प्रयास किया लेकिन, मुजफ्फरनगर से किसान आंदोलन के रूप में जो नई चिंगारी फूटी है, वह इस सरकार को हिला कर रख देगी।
यूपी की कानून व्यवस्था को बताया फ्लॉप
Chandrashekhar Ravan in Meerut: उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भी वह योगी आदित्यनाथ पर बरसे। उन्होंने कहा योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कानून का राज होने की बात कहते हैं। जबकि हकीकत यह है कि प्रदेश में गुंडाराज है। शायद ही ऐसा कोई दिन जाता हो, जब प्रदेश में हत्या, बलात्कार जैसी घटनाएं ना होती हों।
मेरठ जनपद में कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। यह शहर क्राइम कैपिटल बन चुका है। रिठानी की घटना ने यह साबित कर दिया है कि यहां कानून का राज नहीं है, गुंडों का राज है और सत्ता के लोग उन्हें संरक्षण दे रहे हैं।
कौन हैं चंद्रशेखर रावन
चंद्रशेखर (bhim army adhyaksh chandrashekhar azad) का जन्म सहारनपुर में चटमलपुर के पास धडकूलि गांव में हुआ था। जिले के एक स्थानीय कॉलेज से उन्होंने कानून की पढ़ाई की। वो पहली बार 2015 में विवादों में घिरे थे। उन्होंने अपने मूल स्थान पर एक बोर्ड लगाया था, जिसमें ‘धडकाली वेलकम यू द ग्रेट चमार्स’ लिखा था। इस कदम ने गांव में दलितों और ठाकुर के बीच तनाव पैदा कर दिया था। चंद्रशेखर (bhim army adhyaksh chandrashekhar azad) ने सोशल मीडिया के जरिए काफी सुर्खियां बटोरी हैं। चंद्रशेखर ने फेसबुक और व्हाट्सअप के जरिए लोगों को भीम आर्मी से जोड़ने का काम किया।
भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर (bhim army adhyaksh chandrashekhar azad) ने अपनी ताकत उस वक्त दिखायी, जब नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में दलितों ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया था। सहारनपुर में दलितों पर हुई हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन के बाद चंद्रशेखर (bhim army adhyaksh chandrashekhar azad) ने कहा था कि यदि 37 निर्दोष दलित जमानत पर रिहा किये जाएं, तो वह आत्मसमर्पण कर देगा।
भीम आर्मी है क्या?
भीम आर्मी एक बहुजन संगठन है, जिसे भारत एकता मिशन भी कहा जाता है। ये दलित चिंतक सतीश कुमार के दिमाग की उपज है। इसे 2014 में चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ (bhim army adhyaksh chandrashekhar azad) और विनय रतन आर्य ने हाशिए वाले वर्गों के विकास के लिए स्थापित किया गया। भीम आर्मी का कहना है कि वह शिक्षा के माध्यम से दलितों के लिए काम कर रहा है।
इसका बेस कहां है?
इसका बेस मुख्य तौर पर यूपी में है। सहारनपुर में ये वर्ष 2017 में चर्चाओं में आया। चर्चाओं में आने की वजह थी जाति संघर्ष। हिंसा के आरोपों के बाद भीम आर्मी के मुख्य कर्ताधर्ता चंद्रशेखर (bhim army adhyaksh chandrashekhar azad) को गिरफ्तार किया गया था। चंद्रशेखर की अगुवाई में 25 युवा भीम आर्मी संभालते हैं। भीम सेना और अंबेडकर सेना भी ऐसे ही संगठन हैं लेकिन भीम सेना हरियाणा में ही काम कर रही है और अंबेडकर सेना का गढ़ पूर्वी यूपी में है। भीम आर्मी दलित शब्द के खिलाफ है और अंबेडकरवादी सोच वालों का स्वागत करती है।