उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी के बयान से बिगड़ा विपक्षी नेताओं का हाजमा

सनातन धर्म के प्रबल पैरोकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ द्वारा हिन्दुओं से एकजुट होने का आह्वान करने से उन विपक्षी नेताओं का हाजमा बिगड़ गया है, जो कि लगातार यह कह रहे हैं कि वह दिन दूर नहीं,जब भारत में भी बांग्लादेश जैसे हालात होंगे। दूसरे शब्द में  कहें तो ये नेता अपनी सियासत चमकाने के लिए  भारत में  बांग्लादेश जैसे हालात उत्पन्न  करने  के  लिए पूरी शिद्दत से प्रयास कर रहे हैं । 

दरअसल  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुखर होकर सनातन धर्म और हिंदुत्व की बात करते हैं और निरंतर हिन्दू समाज को एकता और राष्ट्र प्रथम का सन्देश देते रहते हैं । बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हो रही वीभत्स हिंसा का सन्दर्भ लेते हुए उन्होंने अपनी बात को और अधिक स्पष्ट करते हुए कहा कि ”हम बटेंगे तो कटेंगे“। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का सीधा सन्देश हिन्दू समाज को जातियों में बाँटने से रोकने और हिन्दुओं के लिए इसके कुप्रभावों के प्रति जागरुक करना था।

इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर योगी जी ने आगरा – मथुरा में कई कार्यक्रमों में भाग लिया और जन समुदाय को संबोधित किया। इनमें सबसे अधिक चर्चा उनके आगरा में मारवाड़ शासक महराजा जसवंत सिंह के सेनापति दुर्गादास राठौर की प्रतिमा अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए वक्तव्य की हो रही है। इस वक्तव्य में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता, राष्ट्र तभी सशक्त हो सकता है जब हम एकजुट रहेंगे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में देख रहे हो न क्या हो रहा है? ऐसी गलती यहां नहीं होनी चाहिए, समाज जाति भाषा के नाम पर बांटने वाली ताकतों से सावधान रहना होगा । इधर कई अवसरों पर मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म पर अपने विचार रख रहे हैं तथा स्पष्ट रूप से कहा है कि सनातन धर्म ही भारत का एकमात्र धर्म है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयानों से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और मुसलमानों के एकमात्र स्वयंभू नेता बनने के लिए लालायित एआईआईएएम के असदुद्दुदीन ओवैसी बौखला गए हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि योगी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। कम से कम उन्हें प्रधानमंत्री का रोल नहीं अदा करना चाहिए। यह वही अखिलेश यादव हैं, जिन्होंने लोकसभा में चंद सीटें बढ़ते ही लखनऊ में अपने प्रधानमंत्री पद की चाहत वाले पोस्टर लगवा दिये गये थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदू जनमानस से बिल्कुल सटीक व स्पष्ट बात कह रहे हैं, क्योकि बांग्लादेश में हिंदुओं पर जिस तरह से अत्याचार हुए उस पर दुनिया में किसी ने भी कहीं भी कोई भी आवाज नहीं उठायी। बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार होते आ रहे हैं किंतु किसी भी मानवाधिकारी की कलम नहीं चली और जो अमेरिका भारत में होने वाली छोटी मोटी घटनाओं पर उपदेश देता रहता उसके मन में कोई संवेदना नहीं जागी। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बांग्लादेश की घटनाओं पर कड़ी चिंता व्यक्त की, तब कहीं जाकर कुछ सुस्ती टूटी है पर वह नाकाफी है तथा बांग्लादेश के दूरदराज के हिस्सों में अभी भी हिन्दुओं पर उसी प्रकार से अत्याचार किया जा रहा है।

जिस तरह बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ बर्बरता की गई व पवित्र मंदिरों को ध्वस्त किया गया वह बहुत ही हृदय विदारक था, किंतु इस भयावह मानवीय त्रासदी पर मोमबत्ती हाथ में लेकर एक भी वामपंथी जुलूस नहीं निकला। भारत के तथाकथित वामपंथी व इंडी गठबंधन के सभी नेता व विचारक फिलीस्तीन और गाजा पर तो आंसू बहाते रहते हैं और सोशल मीडिया पर कैपेंन चलाते रहते हैं किंतु बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर मौन हो जाते हैं। इनकी सभी समीक्षाएं व चर्चायें पूरी तरह से हिंदू विरोध पर ही केन्द्रित रहती हैं क्योकि संगठित हिंदू इनका वोटबैक नहीं है और आजकल ये कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में हिंदू समाज को  टुकड़ो में विभाजित करने के लिए हर जगह हिन्दुओं की जाति खोज रहे हैं।

योगीजी के बयानों पर विपक्षी विचारकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए वह इस प्रकार की बयान बाजी कर रहे हैं, यह तर्क पूरी तरह से असत्य है क्योंकि जब से योगी जी ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है उन्होंने अयोध्या, मथुरा और काशी को विकास कार्यों के केंद्र में रखा है और विभिन्न अवसरों पर सनातन धर्म पर विचार व्यक्त किये हैं। तथाकथित वामपंथी विचारक यह अनर्गल बात भी कह रहे हैं कि योगी जी के बयानों के कारण बांग्लादेश के साथ सम्बंध खराब हो सकते हैं । क्या ऐसे हिन्दू द्रोही वामपंथी समाजवादी विचारों के कारण हम बांगलादेश के हिंदुओं की चिंता करना बंद कर दें?

जिस तरह विपक्ष के बड़े नेता कह रहे हैं कि एक दिन भारत के हालात भी बांग्लादेश की तरह होने वाले हैं वह चिंताजनक है। विपक्ष की यह बयानबाजी वास्तव में हिंदुओं के लिए चेतावनी है। यही कारण है कि योगी जी को हिन्दू समाज से कहना पड़ रहा रहे है कि ”हम बटेंगे तो कटंगे”।

योगी जी के बयान की निंदा करने वाले वही लोग हैं जो माफिया की मौत पर उनके घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने जाते रहे हैं। असदुद्दुदीन जैसे लोग चाहते हैं वो संसद में फिलिस्तीन के समर्थन में नारे लगाएं लेकिन भारत संबंधों की दुहाई के नाम पर बांग्लादेश के हिंदुओं को असहाय छोड़ दे।

सच तो यह है कि उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन हिंदू धर्म के ध्वजवाहक बन कर उभर रहे हैं। भले ही राजनीतिक पंडित  मुख्यमंत्री के बयानों को वोटरों  का ध्रुवीकरण करने की नीति कहें किन्तु वास्तविकता यही है कि योगी आदित्यनाथ सदा से ही सनातन की रक्षा के लिए तत्पर रहे हैं और सनातन की बात करना उनके लिए संकल्प है, सियासत नहीं।

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