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वक्फ बोर्ड से जुड़े विधेयक पर तकरार

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 लोकसभा में पेश हो गया है। इसके साथ ही जैसी कि अनुमान था कि इस पर आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्ष ने विधेयक का लोकसभा में ही विरोध शुरू कर दिया। विपक्ष ने वक्फ संशोधन विधेयक को संविधान के मूल पर हमला बताया है। वहीं सरकार का कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है और इससे मस्जिदों की कार्यप्रणाली में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं होगा।


वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ‘हम हिंदू हैं, लेकिन साथ ही हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह विधेयक इसलिए लाया जा रहा है क्योंकि महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हैं। आप नहीं समझ रहे हैं कि पिछली बार देश की जनता ने आपको पाठ पढ़ाया था। यह देश के संघीय ढांचे पर हमला है। इस विधेयक के माध्यम से ऐसा प्रावधान लाया जा रहा है कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हो सकते हैं। यह आस्था की आजादी पर सीधा हमला है। अगली बार आप ईसाइयों, जैनियों के लिए ऐसा करेंगे। देश के लोग इस तरह की बंटवारे की राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।


डीएमके सांसद कनिमोझी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है, जो कि अल्पसंख्यकों को उनके धार्मिक संस्थाों का प्रशासन करने का अधिकार देता है। यह विधेयक एक धर्म विशेष को निशाना बनाता है।


एनसीपी एसपी सांसद सुप्रिया सुले ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि ‘मैं सरकार से अपील करती हूं कि वह या तो विधेयक को वापस लें या फिर उसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजें। कृप्या बिना परामर्श के अपने एजेंडे न चलाएं।


आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि ‘आप (सरकार) वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद को पूरी तरह से कमजोर कर रहे हैं। आप व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं। यह संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। मैं सरकार को आगाह करता हूं कि अगर इस विधेयक की न्यायपालिका द्वारा समीक्षा की गई तो यकीनी तौर पर यह विधेयक अटक जाएगा।


एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ विधेयक को लेकर कहा कि ‘यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 का उल्लंघन करता है। यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना है। यह विधेयक लाकर सरकार देश को बांटने की कोशिश कर रही है। यह विधेयक इस बात का सबूत है कि आप मुस्लिमों के दुश्मन हैं।


सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि ‘ये बिल जो पेश किया गया है, वो बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। मैंने सुना है कि आपके भी कुछ अधिकारों को वापस लिया जा रहा है और हम आपके लिए भी लड़ेंगे। मैं विधेयक का विरोध करता हूं।’ अखिलेश के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री ने आपत्ति भी जताई और कहा कि आप लोकसभा स्पीकर के अधिकारों के संरक्षक नहीं हैं।


वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर सरकार का पक्ष रखते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि ‘यह विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ कैसे है? यह विधेयक सिर्फ पारदर्शिता के लिए लाया गया है..विपक्ष इसकी तुलना मंदिरों से करके मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है। केसी वेणुगोपाल को ये बताना चाहिए कि जब हजारों सिखों को मारा गया..किस टैक्सी ड्राइवर ने इंदिरा गांधी की हत्या की? अब ये अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं।


राजीव रंजन सिंह ने कहा कि वक्फ बोर्ड का गठन एक कानून द्वारा किया गया। अगर कानून के द्वारा बनाया गया कोई संस्थान तानाशाह हो जाता है तो यह सरकार का अधिकार है कि वह कानून बनाकर पारदर्शिता कायम करे। उन्होंने विपक्ष पर अफवाह फैलाकर सांप्रदायिक भेदभाव बढ़ाने का आरोप लगाया।

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