श्मशान घाट हादसा: इनामी ठेकेदार अजय सहयोगी सहित गिरफ़्तार

श्मशान घाट हादसा: इनामी ठेकेदार अजय सहयोगी सहित गिरफ़्तार

श्मशान घाट हादसा: मुरादनगर थानाक्षेत्र के ग्राम उखलारसी में श्मशान घाट की छत गिरने की घटना में वांछित चल रहे ठेकेदार अजय त्यागी पुत्र सत्यवीर त्यागी निवासी थाना मुरादनगर को पुलिस टीमों गिरफ़्तार कर लिया था। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने सोमवार शाम वांछित ठेकेदार अजय त्यागी पर पच्चीस हज़ार का इनाम घोषित किया था। जिसके चलते एसपी ग्रामीण ईरज राजा की थाना मुरादनगर और निवाड़ी पुलिस टीमों ने 36 घंटों के भीतर ठेकेदार अजय त्यागी को सटेडी नहर पुल (मुज़फ्फरनगर) के पास से गिरफ़्तारी कर ली थी, जोकि लोकल वाहनों से कहीं दूर फरार होने की फिराक में था।

आपको बता दें कि एसपी ग्रामीण ईरज राजा के नेतृत्व में कई टीमों द्वारा प्रमुख संभावित स्थानों पर ताबड़तोड़ दबिशे दी जा रही थी। जिसके क्रम में यह गिरफ़्तारी की गई थी। पुलिस ने आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी के बयानों के आधार पर उसके सहयोगी संजय गर्ग पुत्र भानु प्रकाश गर्ग निवासी थाना सिहानी गेट को भी गिरफ़्तार कर लिया हैं।

श्मशान घाट हादसा: ऐसे खुली पोल

दरअसल, पुलिस को पूछताछ में पकड़े गए आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी ने बताया कि वह मौसर्स अजय त्यागी कांट्रैक्टर फर्म का स्वामी हैं। आरोपी ने बताया कि नगर पालिका परिषद मुरादनगर के रेलवे रोड के पास स्थित गांव उखलारसी में श्मशान घाट के सौन्दर्यीकरण एवं निर्माण का टेंडर गत् वर्ष अप्रैल 2019 में ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया के तहत नगर पालिका द्वारा उसकी फर्म के नाम आवंटन हुआ था। यह 14वें वित्त के कार्य थे। इसका पैसा शासन द्वारा पहले ही आ जाया करता हैं। श्मशान घाट का टेंडर करीब 55 लाख रुपए में छूटा था। जिसका कार्य आदेश महा फरवरी में निर्गत हुआ था तथा 2 माह में कार्य पूर्ण किया जाना था। प्रथम किश्त महा मार्च में लगभग 26 लाख रुपए मिली थी तथा द्वितीय भुगतान महा जुलाई में लगभग 16 लाख रुपए का हुआ था।

पैसा लैप्स होने से बचाने के चक्कर में खड़ा किया ‘यमराज’

बता दें कि यदि टाइम पर काम पूरा ना होता तो सरकार से आया धन लेफ्स हो जाता तथा इस कार्य का निर्माण जल्द पूर्ण कराने के लिए आरोपी द्वारा ए.एस कंटेंशन कंपनी के मालिक संजय गर्ग प्रोपराइटर और दूसरी कंपनी के आर.जी विलटेन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक/ प्रोपराइटर भानु प्रकाश गर्ग, सचिन गर्ग व विपिन गर्ग निवासी थाना सिहानी गेट से साझेदारी के लिए मदद ली गई थी तथा साथ मिलकर कार्य कराया गया था।

उखलारसी श्मशान घाट के निर्माण का कार्य इन लोगों ने संयुक्त रूप से मिलकर कराया था। जिसका टेंडर करीब 55 लाख रुपए में हुआ था। जिसमें श्मशान घाट का सौन्दर्यीकरण में दीवारों का निर्माण, पुरानी छतों की मरम्मत तथा कॉरिडोर का निर्माण सहित आदि का कार्य था। जिसका सुपरवाइजर आशीष ए.एस कंपनी कंट्रक्शन की तरफ से था। श्मशान घाट उखलारसी में निर्माण कार्य में कोरीडोर में इस प्रकार के लिंटर एवं डिजाइन की कोई आवश्यकता नहीं थी।

लेकिन, इन सभी के द्वारा इसका बजट बड़ा बनाकर के धन का गबन करने के लिए इस तरह का कार्य कराया गया था तथा ठेके की एवज में ठेकेदार ने जई के कहने पर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी व जई को 16 लाख रुपए दिए थे, जो उसने महा मार्च में ही पहली किस्त जारी होने से पहले नगरपालिका के ईओ के कार्यालय में दिए थे। जहां पर जई व एक अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे।

इसके बंटवारे के बारे में ठेकेदार को कोई जानकारी नहीं हैं। इस निर्माण कार्य स्थल का नियमित पर्यवेक्षण का दायित्व अवर अभियंता एवं सुपरवाइजर का था। जिसकी ओवरऑल जिम्मेदारी अधिशासी अधिकारी की थी। वहीं, आरोपित ने यह भी बताया कि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं थी, मानक आदि आप संबंधित कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। इसने यह भी बताया कि लालच वंश हम लोगों ने मिलकर गिरोह बनाकर आर्थिक भौतिक लाभ के लिए नगर पालिका मुरादनगर के अधिकारियों और इंजीनियर से यह घटिया निर्माण कराया था।

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