दिवाली के बाद दिल्ली के प्रदूषण में बड़ा इजाफा हुआ और दिल्ली में ज्यादातर जगहों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई साढ़े तीन सौ से ऊपर रहा। लेकिन चूंकि यह पिछले साल से कम है इसलिए दिल्ली सरकार पीठ थपथपा रही है कि उसने प्रदूषण रोक दिया। दिल्ली के वन व पर्यावरण मंत्री गोपाल राय दिल्ली के लोगों को झूठ मूठ का धन्यवाद दे रहे हैं कि उन्होंने पटाखे चलाने में संयम बरता। हकीकत यह है कि दिल्ली में लोगो ने जम कर पटाखे चलाए। कई इलाकों में चार बजे सुबह तक आतिशबाजी होती रही। इतना ही नहीं दिवाली के अगले दिन यानी एक नवंबर को भी दिल्ली में खूब पटाखे चले।
इसके बावजूद दिल्ली में वायु प्रदूषण कम रहा तो उसका कारण यह था कि दिल्ली में इस बार तापमान कम नहीं हो रहा है। सात दशक से ज्यादा समय का सबसे गर्म अक्टूबर इस साल बीता है। ऊपर से दिवाली के आसपास दिल्ली में हवा चलती रही। मौसम विभाग के मुताबिक तीन से सात किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी। इन दो कारणों से प्रदूषण थोड़ा कम रहा। तब भी आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार श्रेय ले रहे हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी के शासन वाले पंजाब में अमृतसर इस साल सर्वाधिक प्रदूषण वाला दूसरा शहर बन गया। हरियाणा का अम्बाला एक नंबर पर और अमृतसर दूसरे स्थान पर रहा। इसके बाद दिल्ली तीसरे स्थान पर रहा। यानी तीन में से दो जगह आम आदमी पार्टी का शासन है। उसके नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।