Desi Padtal: फांसी की सजा को कैसे माफ करते हैं राष्ट्रपति?

Desi Padtal: फांसी की सजा को कैसे माफ करते हैं राष्ट्रपति?

Desi Padtal: हाल ही में देश में एक ऐसा फैसला हुआ है जिसने सबको अचंभे में डाल दिया है। सभी इसी विषय पर बात कर रहे हैं। आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी के तख्ते पर लटकाया जायेगा। इससे पहले कि हम अपनी देशी पड़ताल शुरू करें, आइये जानते हैं कि कौन हैं शबनम जिसे आजादी के बाद दी जायेगी फांसी, और क्या है उसका गुनाह….

गांव बावनखेड़ी, थाना हसनपुर, जिला अमरोहा उत्तर प्रदेश… यह पता है आजाद भारत में पहली बार फांसी के फंदे पर चढ़ने वाली शबनम अली का। पेशे से शिक्षक रहे शौकत अली की इकलौती बेटी शबनम को गांव के ही पांचवी पास सलीम से प्यार हो गया था, लेकिन उसके परिवार को ये रिश्ता कतई मंजूर नहीं था। घरवालों की नामंजूरी की वजह से शबनम का अक्सर उनसे झगड़ा होता था। इस दौरान शबनम सलीम के बच्चे की मां बनने वाली थी। वह दो माह की गर्भवती थी और उसे लगा कि अगर परिवार को इस बारे में पता चलेगा तो वह बर्दाश्त नहीं कर सकेंगे। बस इसके बाद शुरू हुई इश्किया जुनून की कहानी…. 

14 अप्रैल 2008 की रात का वो भयानक मंजर, जिसने लिखी तबाही की भयानक दास्तां

Shabanam Fansi 4
Desi Padtal: फांसी की सजा को कैसे माफ करते हैं राष्ट्रपति?

शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर परिवार को रास्ते से हटाने का फैसला ले लिया। 14 अप्रैल 2008 की रात को शबनम ने खाने में कुछ मिलाया और सबको परोस दिया। जब सब बेहोशी की नींद सो गए तो प्रेम में अंधी बेटी ने माता-पिता और 10 माह के मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काट कर मौत की नींद सुला दिया। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। शबनम और सलीम की बेमेल इश्क की खुनी दास्तां करीब 13 साल बाद फांसी के नजदीक पहुंच गई है। 

बता दें कि महिला को फांसी देने के लिए मथुरा जेल में 150 साल पहले महिला फांसीघर बनाया गया था। लेकिन आजादी के बाद से अब तक यहां किसी महिला को फांसी पर नहीं लटकाया गया है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक के मुताबिक, अभी फांसी की तारीख तय नहीं है, लेकिन हमने तयारी शुरू कर दी है। रस्सी के लिए ऑर्डर दे दिया गया है। डेथ वारंट जारी होते ही शबनम-सलीम को फांसी दे दी जाएगी। हालांकि सलीम को फांसी कहां दी जाएगी यह भी अभी तय नहीं है।

आइये अब जानते हैं कि राष्ट्रपति के पास सजा माफ करने के कौन-कौन से रास्ते हैं?

भारत के राष्ट्रपति को सजा माफ करने का अधिकार आर्टिकल 72 के तहत मिलता है, राष्ट्रपति को गृह मंत्रालय की सलाह पर किसी भी सजा को माफ करने या कम करने का अधिकार प्राप्त है। 

Desi Padtal: कितने तरह से किया जाता है क्षमादान?

अब सवाल यह है कि क्षमादान कितने तरह का होता है… और उनमें क्या-क्या अधिकार हैं। साथियों, क्षमादान कुल पांच तरह का होता है…

1- लघुकरण (Commutation)- इसके तहत सज़ा की प्रकृति यानी नेचर को बदला जाता है, जैसे मृत्युदंड को कठोर कारावास में बदलना।

2- परिहार (Remission) – सज़ा की अवधि यानी टाइम को बदलना जैसे 2 वर्ष के कठोर कारावास को 1 वर्ष के कठोर कारावास में बदलना।

3- विराम (Respite) – विशेष परिस्थितियों की वजह से सज़ा को कम करना जैसे शारीरिक अपंगता या महिलाओं कि गर्भावस्था के कारण।

4- प्रविलंबन (Reprieve) – किसी दंड को कुछ समय के लिये टालने की प्रक्रिया जैसे फाँसी को कुछ समय के लिये टालना।

5- क्षमा (Pardon) – पूर्णतः माफ़ कर देना (इसका तकनीकी मतलब यह है कि अपराध कभी हुआ ही नहीं।)

साथियाें राष्ट्रपति की ही तरह राज्यपाल को भी क्षमादान की पावर है लेकिन यह पावर नियंत्रित होती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 161 में राज्य के राज्यपाल को भी क्षमादान की शक्ति प्रदान की गई है। इसके तहत…

साथियों आपको हमारा ये खास कार्यक्रम देशी पड़ताल कैसी लगा, हमें कमेंट कर जरूर बतायें… अगर आप यू-ट्यूब पर देख रहे हैं तो हमे सब्सक्राइब करें, फेसबुक, ट्विटर या इंस्टाग्राम पर देख रहे हैं तो हमें फालो करें…. मिलेंगे अगली पड़ताल में तब तक के लिये नमस्कार….

डिजिटल दुनिया में अपनी उपस्थिति करें और भी मजबूत-

अगर आपके व्यवसाय, कम्पनी या #प्रोडक्ट की ब्राडिंग व #प्रमोशन अनुभवी टीम की देखरेख में #वीडियो, आर्टिकल व शानदार ग्राफिक्स द्वारा किया जाये तो आपको अपने लिये ग्राहक मिलेगें साथ ही आपके ब्रांड की लोगों के बीच में चर्चा होनी शुरू हो जायेगी।
साथियों, वीडियो और #आर्टिकल के माध्यम से अपने व्यापार को Eradio India के विज्ञापन पैकेज के साथ बढ़ायें। हम आपके लिये 24X7 काम करने को तैयार हैं। सोशल मीडिया को हैंडल करना हो या फिर आपके प्रोडक्ट को कस्टमर तक पहुंचाना, यह सब काम हमारी #एक्सपर्ट_टीम आपके लिये करेगी।

इस पैकेज में आपको इन सुविधाओं का लाभ मिलेगा-

Acomplete Solution of your problem

Exit mobile version