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पुलिस की घेरेबन्दी के बावजूद सैकड़ों कांग्रेसजनों ने किया ई0डी0 आफिस पर प्रदर्शन- कांग्रेस

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धरना-प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार को सरकार तानाशाहीपूर्ण रवैये से रोकना चाहती है- कांग्रेस
लखनऊ। सरकार के दबाव में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सोनिया गांधी व राहुल गांधी को पूछ-ताछ के लिए समन भेजना निष्चित रूप से राजनैतिक प्रतिशोध की कार्यवाही है। ज्ञात हो कि आज राहुल गांधी को पूछ-ताछ के लिए बुलाया गया था, इसके खिलाफ आज दिल्ली सहित पूरे देश के प्रदेश मुख्यालयों में कांग्रेस द्वारा ई0डी0 कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया गया। जिस क्रम में आज लखनऊ में धरना-प्रदर्षन व गिरफ्तारी हुई।


उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता कृष्णकान्त पाण्डेय ने बताया कि कांग्रेसजनों द्वारा ई0डी0 कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन को रोकने के लिए कांग्रेस कार्यालय को पुलिस छावनी में उत्तर प्रदेश सरकार के तानाशाहीपूर्ण रवैये के चलते तबदील कर दिया गया था, ताकि ई0डी0 कार्यालय पर कोई पहुॅच न सके। जगह-जगह कांग्रेसजनों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था। जबकि कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ व मीडिया विभाग के चेयरमैन पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित तमाम नेताओं को हाऊस अरेस्ट कर लिया गया था, जिसकी कांग्रेस पार्टी कठोर निन्दा करती है। क्यों कि धरना-प्रदर्शन लोकतंत्र में किसी भी राजनैतिक दल का अधिकार है। सरकार व प्रशासन के तमाम रोक के बावजूद भारी संख्या में कांग्रेसजनों ने ई0डी0 आफिस पहुॅंच कर धरना-प्रदर्शन किया।


पाण्डेय ने आगे बताया कि जनता की आवाज बनकर सरकार के जनविरोधी कार्यों को केवल कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी व राहुल गांधी ही उठाते हैं। उनकी आवाज को दबाने के लिए सरकार संस्थानों का उपायोग कर रही है। लेकिन कोई भी सरकार का हथकंडा इस आवाज को नहीं दबा सकता।


आज धरना-प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल, विधायक वीरेन्द्र चौधरी, पूर्व विधायक सर्वसतीश अजमानी, अखिलेश प्रताप सिंह, अम्बिका सिंह, अमरेश चन्द्र पाण्डेय, श्याम किशोर शुक्ला व सर्वविश्वविजय सिंह, दिनेश सिंह, शिव पाण्डेय, विवेकानन्द पाठक, शरद मिश्रा, अनिल यादव, डॉ0 प्रमोद पाण्डेय, मनोज यादव, डॉ0 पंकज श्रीवास्तव, अशोक सिंह, अंशु अवस्थी, कृष्णकान्त पाण्डेय, जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी, मुकेश चौहान, संजय सिंह, द्विजेन्द्र त्रिपाठी, ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, वीरेन्द्र मदान, प्रमोद सिंह, सम्पूर्णानन्द, अमरनाथ अग्रवाल, सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव, आरती बाजपेयी, डॉ0 लालती देवी, सुशीला शर्मा, प्रदीप सिंघल, रूद्र दमन सिंह बब्लू, अभिमन्यू सिंह, बृजेश सिंह, मनोज तिवारी (द्वय), नरेन्द्र शुक्ला, पुष्पेन्द्र श्रीवास्तव, संजय दीक्षित, राघवेन्द्र सिंह, रमेश मिश्रा, अजय सिंह उर्फ कप्तान सिंह आदि सैकड़ों कांग्रेसजनों ने गिरफ्तारी दी व प्रदर्शन में भाग लिया।


पाण्डेय ने बताया कि जिस केस में समन हुआ है वह एक नॉन प्राफिटेबल संस्था है, जिसमें प्राफिट का सवाल ही नहीं पैदा होता। ऐसे में मनी लॉडरिंग का केस कैसे बन सकता है? जहॉं धन का ही मामला नहीं है, वहॉं शोधन कैसे? आजादी की लड़ाई में देश की आवाज बनकर नेशनल हेरल्ड न्यूज पेपर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। यह समाचार-पत्र और कांग्रेस को अलग भी नहीं किया जा सकता। अंग्रेजों को उखाड़ फैकने में इन्हीं का योगदान है। आज सरकार में बैठे लोग इसे इसलिए नहीं समझ सकते क्योंकि इनका दूर-दूर तक आजादी के योगदान से कोई लेना-देना नहीं है।


पाण्डेय ने आगे बताया कि भाजपा सरकार द्वारा लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, अराजकता, भ्रष्टाचार से हटाने के लिए कांग्रेस के नेताओं के ऊपर दुर्भावनावश गलत तरीके से परेशान करने का प्रयास हो रहा है। लेकिन कांग्रेस पार्टी सोनिया, राहुल, प्रियंका सहित सारे नेता जनता की आवाज बनकर लड़ते रहेंगे।

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Santram Pandey

पत्रकारिता के 40 बसंत पार कर चुके संतराम पांडे, पूर्णकालिक पत्रकार हैं और खाटी पत्रकारिता के जीवंत उदाहरण स्वरूप अंकुरित प्रतिभाओं को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। वर्तमान में ई-रेडियो इंडिया के वरिष्ठ संपादक हैं।

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