सबसे ज्यादा राजस्व देने के बाद भी व्यापारी है उत्पीड़न का शिकार: पं. आशु शर्मा

सबसे ज्यादा राजस्व देने के बाद भी व्यापारी है उत्पीड़न का शिकार: पं. आशु शर्मा

पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल द्वारा व्यापारी महासम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम दिल्ली रोड स्थित जगदीश मंडप में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सपा व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक सहारनपुर संजय गर्ग, अतिवशिष्ट अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर एवं मुख्य वक्ता के रूप में प्रदेश अध्यक्ष पश्चिम उ0 प्र0 संयुक्त व्यापार मंडल पं0 आशु शर्मा रहे।

व्यापारी महासम्मेलन में मेरठ जनपद के किठौर, सरधना, हस्तिनापुर, सिवालखास, मेरठ दक्षिण, मेरठ शहर के अलावा कैंट विधानसभा के अध्यक्ष अपनी-अपनी कमेटी के साथ सम्मेलन में पहुंचे।

पउप्र संयुक्त व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष पं0 आशु शर्मा ने कहा कि, आज देश का व्यापारी सबसे ज्यादा राजस्व देने के बाद भी सबसे ज्यादा उत्पीड़न का शिकार होता है। पश्चिम उत्तर प्रदेश लगभग 78% का राजस्व यूपी को देता है। कोरोनाकाल में सरकार ने सभी वर्ग को राहत दी लेकिन व्यापारी वर्ग को इन सभी सहूलियतों से अलग रखा गया। सरकार के आदेशों पर व्यापारियों ने दुकानें बंद रखी लेकिन व्यापार के लिए विभिन्न मदों में लिया गया लोन की किस्तों को समय पर देने का दबाव जारी रखा, जो व्यापारी किस्त समय पर नहीं दे पाए उन पर ब्याज लगाया गया। व्यापारियों की फैक्ट्रियां बंद रहे लेकिन बिजली का बिल लगातार चालू रहा। इसके अलावा व्यापारियों के दुकान में रखे हुए लाखों करोड़ों रुपए के सामान नष्ट हो गए। इन सभी समस्याओं पर सरकार ने किसी भी तरह की राहत नहीं थी।

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सरकार की चालाकी समझ चुका है व्यापारी: संजय गर्ग

मुख्य अतिथि सपा व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक सहारनपुर संजय गर्ग ने कहा कि अब व्यापारी वर्ग एकजुट हो चुका है और सरकार की चलाकी को समझ गया है। कोरोना काल में व्यापारियों को किस तरह से उत्पीड़ित किया गया और उनको किसी भी स्तर की कोई राहत नहीं मिली जो यह बताता है कि यह सरकार व्यापारियों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में व्यापारियों को तबाह कर दिया।

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर ने कहा कि, व्यापारी देश की रीड की हड्डी है लेकिन दुख की बात यह है कि सरकार है व्यापारियों को ही शोषित करने में जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार व्यापारियों के लिए राहत के विषय में सोचें और तत्काल उनको सुविधा मुहैया कराए। पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल पिछले चार-पांच वर्षों से यह मांग लगातार उठा रहा है के व्यापारी आयोग का गठन किया जाए, व्यापारियों को लोन देने में सरकार सहूलियत उपलब्ध करें, डीजल पेट्रोल के रेट को कंट्रोल किया जाए। दुख का विषय है कि सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है बल्कि उल्टा लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों को सूचित जरूर किया गया।

पउप्र संयुक्त व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से निम्नलिखित मांगे रखी हैं-

व्यापारियों ने एकमत होकर अपना मांग पत्र रखा है और कहा है कि जो भी पार्टी उनकी मांग पत्र को स्वीकार करेंगे आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में व्यापारी वर्ग ऐसी पार्टी का समर्थन करेगी। इस बार के चुनाव में व्यापारी किसी भी कीमत पर पार्टियों के बहकावे में नहीं आने वाला है।

व्यापारी महासम्मेलन में मेरठ के आधा दर्जन संगठनों ने पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल को अपनी मांग पत्र सौंपते हुए सरकार से अपील की है कि यदि सरकार व्यापारियों की वास्तविक तौर पर हितैषी है तो उन्हें उनकी मांगों को स्वीकार करना चाहिए। ट्रांसपोर्ट यूनियन मेरठ एवं प्राइवेट बस आपरेटर ने कहा कि, लाकडाउन में खड़े ट्रकों में फिटनेस चार्ज लिया गया, गाड़ियों के लोन के किस्तों में छूट नहीं मिली, एनजीटी ने दस साल से पुराने वाहनों को बेकार साबित करने का नियम बना दिया जिसे तत्काल वापस लिया जाए। डीजल-पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए।

बुनकर व्यापार मंडल ने मांग रखते हुए कहा कि बिजली के फ्लैट रेट में छूट मुहैया कराई जाए, बुनकरों के लिए दी जाने वाली सुविधाओं को सरल बनाया जाए ताकि अशिक्षित व्यापारी भी योजनाओं का लाभ आसानी से ले सकें।

पावर कांट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने अपनी मांग रखते हुए कहा कि दस लाख तक के ठेकों में ई टेंडर से मुक्ति मिलनी चाहिए, सरकारी विभागों के पेमेंट को वर्षों तक न लटकाया जाए, कार्यों का भुगतान करने में अधिकारी अपनी मनमर्जी चलाते हैं जिससे ठेकेदारों को परेशानी होती है इसलिए भुगतान की एक सरल प्रणाली बनाई जाए और उसका समय निर्धारित किया जाए ताकि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार ना हो सके।

मेरठ सब्जी मंडी एसोसिएशन ने कहा कि मंडी शुल्क में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी को खत्म किया जाए, मेरठ मंडी की सड़कों को दुरुस्त कराया जाए, बाहरी आढ़तियों के ठहरने की व्यवस्था मंडी समिति को करनी चाहिए।

इसके अलावा पउप्र संयुक्त व्यापार मंडल ने मांग रखी है कि उत्तर प्रदेश में व्यापारी आयोग का तत्काल गठन हो। व्यापारियों के साथ में बढ़ती असुरक्षा को देखते हुये व्यापारियों को शस्त्र लायसेंस बनवाने का काम प्रशासन प्राथमिकता पर करे।

किसानों की तरह छोटे व्यापारियों का 5 लाख रुपये तक का विभिन्न सरकारी योजनाओं से लिया गया कर्जा सरकार माफ करें। व्यापारियों को रोजगार के लिए 50 लाख रूपए तक का का लोन बिना बैंक गारंटी के उपलब्ध कराया जाए।

जीएसटी की समस्याओं के समाधान के लिये एकल खिड़की समाधान व जीएसटी का एक ही स्लैब रखा जाये। पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर व्यापारियों की समस्याओं को सुनने और निदान करने के लिए एक राजपत्रित अधिकारी की नियुक्ति की जाए। पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में थाना स्तर पर व्यापारी हेल्प डेस्क तैयार की जाये जो सिर्फ व्यापारियों की समस्याओं को सुने तथा निदान करे।

पउप्र संयुक्त व्यापार मंडल के ये पदाधिकारी रहे मौजूद

सदर मंजीत सिंह कौछड, सुमेर सिंह धार, पियुष वशिष्ठ, जिलाध्यक्ष विजय ओबरॉय, सदर महामंत्री सनी गुप्ता, मधु चौधरी, सरताज गाजी, संजय त्यागी, ज्ञानेंद्र सिंघल, अमित कंसल, विरेंद्र चौधरी सरधना, सतीश कुमार फलावदा, शैलैश दुबलिश मवाना, संदीप शर्मा किठोर, यशपाल चौधरी सकौती, संदीप चौधरी सिवाल, अमित बंसल लावड, मोनु अलवी, इरफान प्रधान, जतिन अरोड़ा, अय्यूब कुरैशी, वसीम बयानी, डॉक्टर अलमास खान, आतिश अग्रवाल फहीम रंगरेज, विजय राठी, बबलू प्रधान, देवेंद्र शर्मा, जतिन खुराना, मनीष शर्मा, मुकेश यादव, गौरव वाशु, चंद्र प्रकाश शर्मा, भूषण शर्मा, राजीव भारद्वाज, मनोज प्रधान मुकेश यादव रचित गुलाठी,सचिन अग्रवाल, वामिक जिया व अन्य मौजूद रहे।

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