धर्म

बुधादित्य योग में पधारेंगे गजानन

भादों माह शुक्ल पक्ष चतुर्थी यानी 7 सितंबर शनिवार में भगवान गजानन पधार रहे हैं। इस बार भगवान गजानन बुधिदित्य योग संयोग में पधारेंगे और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करेंगे। 

 गणेश महोत्सव प्रारंभ हो रहा है। यह पर्व अनंत चतुर्दशी यानी 17 सितंबर तक चलेगा। इस बार गणेश महोत्सव की धूम 11 दिनों तक रहेगी।अंतिम दिन  सितंबर को चतुर्दशी के दिन पूजा के बाद गणपति बप्पा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। गणेश स्थापना दिवस पर बढ़ा देती योग का सहयोग बेहद खास रहने वाला है क्योंकि यही योग यश वैभव संपन्नता और समस्त संकटों से छुटकारा दिलाने की सामर्थ रखता है। इसलिए इस बार विघ्नहर्ता गजानन की कृपा भक्तों पर इस बार परिपूर्ण तरीके से बरसेगी। यानी विघ्नहर्ता इस बार  अपने सभी भक्तों के संकटों को दूर कर सुख -समृद्धि का आशीर्वाद देंगे। बता दे, स्थापना के दिन ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी व्याप्त रहेगा।सर्वार्थ सिद्धि योग हर कार्य को  सकारात्मकता से भर देता है यह योग अपने आप में ही बेहद ऊर्जा कारक है। अतः इस बार भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना से भक्तों के समस्त मनोरथ पूर्ण होंगे और भगवान गणेश की कृपा से यश- वैभव, धन-संपदा, संपन्नता आदि की अभिलाषा भी पूर्ण होगी। भगवान गणेश का पूजन- अर्चन,जप- तप कुंडली के समस्त ग्रह दोष को भी दूर करेगा।

पौराणिक इतिहास

पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी का जन्म हुआ था जिसे गणेश चतुर्थी के नाम से कहा जाता है एक और कथा के अनुसार महर्षि वेदव्यास ने भगवान गणपति जी से महाभारत की रचना को क्रमबद्ध करने की प्रार्थना की थी। गणेश चतुर्थी के ही दिन व्यास जी श्लोक बोलते गए और गणेश जी उसे लिखित रूप में करते गए। अनंत चतुर्दशी तक लगातार लेखन करने के बाद गणेश जी पर धूल-मिट्टी की परतें चढ़ गई थी।गणेश जी ने इस परत को साफ करने के लिए ही अनंत चतुर्दशी पर सरस्वती नदी में स्नान किया था तभी से गणेश जी को विधि-विधान से विसर्जित करने की परंपरा है।

चतुर्थी में ना करें चंद्र दर्शन

गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी भी कहते हैं। क्योंकि इसी दिन भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था। इस चतुर्थी के दिन आकाश में चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए। इस दिन चंद्रमा देखने से कलंक लगता है। 

पूजा विधि

 गणेश चतुर्थी पर सुबह स्नान के बाद जहां गणेश प्रतिमा स्थापित करनी है। उत्तर की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएं। तब गणेश प्रतिमा की स्थापना करें। इसके बाद उन्हें विधिपूर्वक पूजा की सामग्री अर्पित करते हुए ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें। लड्डू का भोग लगाएं और आरती कर सभी को प्रसाद वितरित करें। गणेश जी को दूर्वा अवश्य चढ़ाएं। 

स्थापना के शुभ मुहूर्त

  • शुभ का चौघड़िया प्रात 7:29 से 9:02 तक।
  • चर, लाभ, अमृत का चौघड़िया दोपहर 12:10 से शाम 4:51 तक।

News Desk

आप अपनी खबरें न्यूज डेस्क को eradioindia@gmail.com पर भेज सकते हैं। खबरें भेजने के बाद आप हमें 9808899381 पर सूचित अवश्य कर दें।

Share
Published by
News Desk

Recent Posts

यूक्रेन को उसके की शांति समझौता में नहीं बुलाया

एडिलेड। सऊदी अरब में अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच इस हफ्ते होने वाली महत्वपूर्ण…

5 hours ago

भारत टेक्स 2025: ग्लोबल टेक्सटाइल कंपनियों के लिए भारत बना भरोसेमंद बाजार

नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि भारत के 5एफ विजन – फार्म (खेत) से…

3 days ago

भारत बनेगा परमाणु ऊर्जा का पावरहाउस: केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘विकसित…

3 days ago

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 18 की मौत

नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा हो गया है। यहां महाकुंभ की…

3 days ago

KMC Cancer Hospital में कैंसर गोष्ठी आयोजित

KMC Cancer Hospital में अन्तर्राष्ट्रीय ओएमएफ डे के अवसर पर कैंसर गोष्ठी का आयोजन किया…

4 days ago

Aaj Ka Rashifal: जानें क्या लिखा है आज के राशिफल में

Aaj Ka Rashifal: आज के राशिफल में क्या कुछ लिखा है इसे जानने के लिये…

4 days ago

This website uses cookies.