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जेनेटिक बीमारियों का पड़ सकता है गहरा असर, जाने कौन सी है ये बीमारी

Bimari

कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जो हमारे परिवार से हमें विरासत में मिलती हैं. इन्हें ‘जेनेटिक बीमारियां’ कहा जाता है। अगर आपके माता-पिता, दादा-दादी या परिवार के किसी अन्य सदस्य को कोई गंभीर बीमारी है, तो आपके भी उस बीमारी का शिकार होने की संभावना बढ़ जाती है। जेनेटिक बीमारियों का पता चलने पर समय पर जांच और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप इनका खतरा कम कर सकते हैं।  फैमिली हिस्ट्री के बारे में जानना और सतर्क रहना आपकी हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है। तो आईये जानते है कौन सी बीमारियां होती हैं जेनेटिक?

डायबिटीज (मधुमेह)

डायबिटीज एक गंभीर लेकिन आम बीमारी है, जिसमें शरीर में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। अगर आपके माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्यों को डायबिटीज है, तो आपके भी इस बीमारी से ग्रसित होने का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी तब होती है जब शरीर इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता या इंसुलिन का उत्पादन कम होता है। डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए नियमित जांच, सही दवा और हेल्दी लाइफस्टाइल की जरूरत होती है। 

हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप एक आनुवंशिक स्थिति हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी व्यक्ति में आनुवंशिक बदलाव उसकी शरीर की रक्तचाप को नियंत्रित करने की क्षमता को कम कर सकता है और उच्च रक्तचाप हो सकता है। अगर आपके परिवार में किसी को भी हाई बीपी की शिकायत रही है, तो आपके भी इस समस्या की चपेट में आने की संभावना ज़्यादा होती है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित माता-पिता अपने बच्चे को एक ऐसा जीन दे सकते हैं, जिससे उस व्यक्ति में एक दिन उच्च रक्तचाप विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है। शोध के मुताबिक, महिलाओं में उच्च रक्तचाप, खासकर शुरुआती उम्र में होने वाले उच्च रक्तचाप में, पुरुषों की तुलना में आनुवंशिकी ज़्यादा अहम भूमिका निभाती है।

दिल की बीमारियां

दिल की बीमारियां भी जेनेटिक यानी आनुवंशिक हो सकती हैं। ये बीमारियां तब होती हैं, जब माता-पिता के डीएनए में मौजूद रोग पैदा करने वाला बदलाव उनके बच्चों में चला जाता है। इस वजह से हृदय की संरचना या काम में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इन स्थितियों को आनुवंशिक, वंशानुगत, या पारिवारिक हृदय स्थितियां भी कहा जाता है। ये बदलाव जन्म के समय ही मौजूद होते हैं, लेकिन इनकी वजह से होने वाली हृदय संबंधी असामान्यताएं किसी भी उम्र में हो सकती हैं। अगर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को कोई ज्ञात या संदिग्ध आनुवंशिक हृदय संबंधी स्थिति है, तो आपको आनुवंशिक परामर्श लेना चाहिए। इससे आपको निदान स्पष्ट करने में मदद मिलेगी और यह भी पता चल सकेगा कि परिवार के दूसरे सदस्यों को भी इस बीमारी का खतरा है या नहीं। अगर टेस्टिंग से पता चलता है कि आपको अभी हृदय रोग नहीं है, लेकिन इसके विकसित होने का खतरा ज़्यादा है, तो जेनेटिक काउंसलर आपको अच्छी सेहत बनाए रखने और अपने जोखिम को कम करने के लिए एक योजना तैयार करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए, लाइफ़स्टाइल और खान-पान में थोड़ा बदलाव करना पड़ सकता है।

कैंसर

कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, और कोलन कैंसर, जेनेटिक हो सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर आपके परिवार में किसी को कैंसर हुआ है, तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है। समय पर जांच, सही जानकारी और जागरूकता से इस खतरे को कम किया जा सकता है।

जेनेटिक बीमारियों से बचने के उपाय

यदि आपको पता है कि आपके परिवार में कोई जेनेटिक बीमारी है, तो इसे हल्के में न लें। समय-समय पर अपनी सेहत की जांच करवाएं ताकि बीमारियों का पता पहले से चल सके। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और पर्याप्त नींद से आप अपनी सेहत को बेहतर रख सकते हैं। तनाव को कंट्रोल करना आपकी सेहत के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि यह कई बीमारियों का कारण बन सकता है। 

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