How to do Vrikshasana?: नाम से स्पष्ट है कि यह वृक्ष के जैसा दिखने वाला आसन है। यानी कि इस आसन को करते हुए मनुष्य का शरीर वृक्ष की भांति हो जाता है और इसके करने से उसे स्थायित्व की भी प्राप्ति होती है। इस योग मुद्रा के नियमित अभ्यास की आदत आपके शारीरिक संतुलन, स्थिरता में सुधार करने के साथ कोर, रीढ़ और पैर को मजबूत करती है। सभी आयु के लोग इस योग का अभ्यास आसानी से करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
How to do Vrikshasana? || वृक्षासन कैसे करें?
जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथों को अपने शरीर के दोनों ओर रखें। अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और दाएं पैर को अपनी बाईं जांघ पर रखें। यह ध्यान रहे कि आपके पैर का तलवा आपकी ईनर थाई पर सीधा रखा हो।
इस दौरान आपका बायां पैर सीधा होना चाहिए ताकि आप शरीर का संतुलन बनाए रख पाएं। जब आप इस मुद्रा में होंगे तो गहरी सांस लेते रहें। अब अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं, और अपनी हथेलियों को एक साथ मिलाकर ‘नमस्ते’ मुद्रा में लाएं।
जब आप आसन में हों, तो आपके सामने थोड़ी दूरी पर किसी भी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करें। इस दौरान आपका पूरा शरीर एक स्ट्रेच होना चाहिए और रीढ़ को सीधा रखना चाहिए। अब 30 सेकेंड के लिए इस मुद्रा में रहें। सांस छोड़ते हुए आसन से सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं। अब आसन के इन्हीं स्टेप्स को दूसरे पैर के साथ दोहराएं।
वृक्षासन (Vrikshasana) करने से पहले ये जानना जरूरी है–
Vrikshasana सामान्य तौर पर हर तरह से सुरक्षित है और इसका अभ्यास हर कोई कर सकता है। मगर यदि आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है तो या आपको वर्टिगो या माइग्रेन की समस्या है, तो इस आसन को करने से बचें।