- राजेश अग्रवाल, राज फार्मास्टिकल खैर नगर मेरठ
How to Protect from Corona: चाहे इस विश्व के कण कण में hospital खोल दो, चाहे हर मनुष्य क्या, हर जीव के कोख से Doctor पैदा करवा दो, चाहे दवाईयों के पेड़ या फसल ही बोने लग जाओ, तब भी सब बीमारियों से मरते ही रहेंगे।
क्यों????
क्योंकि 👇
काहु न कोउ सुख दुख कर दाता। निज कृत कर्म भोग सब भ्राता।।
जब तक हमारे खान पान की शैली, खाद्य अखाद्य की मर्यादा, नियम संयम की ऐसी तैसी रहेगी तब तक हम लोग मरते रहेंगे।
इस विश्व के शारीरिक रोग का एकमात्र कारण यह छोटी सी मांसल जीभ है। इसी जीभ के स्वाद के लिए लोगों ने भोजन के नियम संयम, आचार, व्यवहार सब खत्म कर दिया और आज हॉस्पिटल में डॉक्टर्स के पैरों पर नाक रगड़कर गिड़गिड़ा रहे हैं। चिल्ला रहे हैं हॉस्पिटल-हॉस्पिटल कर के।
जब बोला जाता है कि अपने शरीर में कुछ भी कूड़ा कर्कट मत डालो, तो सब गुस्से से सामने वाले को देखते हैं। असंयमित खाना, असंयमित पीना, बाहर का चाटना, घर घर अशुद्धता शुद्धता का विचार किये चाटना, पैकेट बन्द सामग्रियों को खाना, पेस्टीसाइड्स, इनसेक्टिसाइड्स, रासायनिक उर्वरक खा-खाकर रक्त, धमनियों और डीएनए तक भरना, पानी को इतना फ़िल्टर कर लेना कि उसमें से सब मिनिरल्स और जरूरी पदार्थ निकल जाएं, सुबह सवेरे शाम दोपहर रात जब चाहे तब मुँह चलाना, कोई समय नहीं, कोई नियम नहीं कि कब खाना, क्या खाना, कितना खाना, कैसे खाना, क्यों खाना।
बस भगवान ने मुंह दे दिया तो उसमें कुछ भी कभी भी कैसे भी डाल लो। ठंडियों तक में गधे लोगों को मैंने आम खाते देखा है और Ice Cream खाते देखा है। उनके चेहरे पर दर्प भाव रहता है कि वो ऐसा फल खा रहे हैं जो उपलब्ध नहीं है।
लेकिन उन मूर्खाधिराजों को यही नहीं पता कि यही दर्प भाव हॉस्पिटल और Doctors लाखों का तुमसे लूट कर तुम्हे जीवन भर रोगी बनाकर तोड़ेंगे। जब बोला जाता है कि Maid से सब काम करवा लो लेकिन भोजन स्वयं बनाओ तो उसमें नारी सशक्तिकरण घुस कर और आधुनिकता का हवाला देकर Hospital में एक Bed Book करवा लेते हैं।
मर जायेंगे, आह-माई, आह-माई करते रहेंगे लेकिन भोजन मेड ही बनाएगी जिसका पता नहीं किस विचार, कौन से तरंगों से, कौन से एनर्जी लेवल से, कौन से भावना डालकर, किस शुद्धता से वह भोजन तैयार करेगी या करेगा।
बस लोलुप जीभ को स्वाद मिलना चाहिए और मोटी चमड़ी को आराम। भले ही इससे पूरा परिवार का स्वास्थ्य हाशिये पर ही क्यों न आ जाये। Sauce, Bread, Buiscuits, नमकीन, Cold Drinks, पिज़्ज़ा, Burger, गंदे बासी Canned Juices सबके घर में पड़े होंगे और लैपटॉप पर काम करते भक्षण चलता रहेगा( लेकिन अजवाईन, हरड़, सौंफ, मेथी दाना, पीपली, गोंद, इत्यादि शायद ही कोई महीने में खाता हो।
यह सब खाने में सबकी नानी मर जाती है लेकिन नानी के साथ साथ यह भी जल्दी Hospital के Bed पर मरे पाए जाते हैं। ग़लत काम करेंगे सब खुद लेकिन चिल्लायेंगे Hospital और Doctors को। जिस दिन इस जीभ को संयमित कर लिया तो उसी दिन समझिये कि आप स्वस्थ्य होते चले जायेंगे। जिस दिन अपने kitchen या रसोई को शरीर के मंदिर के तौर पर बनाकर उस रसोई घर को घर का एक औषधालय बना लेंगे तो उसी दिन से आप स्वस्थ्य होते जाएंगे। जिस दिन आपकी रसोई में आपके घर की स्त्रियों के अलावा किसी अन्य का प्रवेश वर्जित होगा, उसी दिन से आपका Hospitals और Doctors से नाता टूटने लगेगा।
जिस दिन आपने यह व्रत ले लिया कि मुझे बाहर का नहीं खाना और सबके घर घर का नहीं चाटना, उसी दिन से आपके घर से रोग अपनी गठरी बांधने लगेंगे। बहुत ही आवश्यक हो तभी इस व्रत या नियम को तोड़े। जिस दिन आपने यह व्रत ले लिया कि मुझे एकमात्र मौसमी फल और सब्जियों का ही सेवन करना है, ठीक उसी दिन से वैभव और लक्ष्मी अपना बोरिया बिस्तर लेकर आपके घर में ठिकाना बनाने आ जाएंगी।
और एक अन्य महत्वपूर्ण बात 👇
तन को बली बना लो ऐसा, सह ले सर्दी वर्षा घाम। मन को बलि बना लो ऐसा, टेक न छाड़े आठों याम।।
मन को ऐसा बलिष्ठ बना लो कि कोई तुम्हें अपने नियम से डिगा न सके। ऐसा नहीं कि यार दोस्तों ने कहा दिया तो तुम भी अपने घर का संस्कार भुलाकर पीने और मांस सेवन करने लगे। मतलब तुम्हारे माँ बाप का संस्कार इतना गिरा था कि अन्य दोस्तों के संस्कार उस पर हावी हो गए। तुम इतने कमजोर निकले कि उनकी गलत बातें तुमने ग्रहण कर ली लेकिन अपनी अच्छी बातों या आदतों का प्रभाव तुम उन पर नहीं डाल सके। धिक्कार है तुम्हें। तो तुम उनके गुलाम हो।
मैं बार बार कहता रहूँगा कि जिस दिन तुमने अपने रहन सहन, आचार, विचार, खान पान, नियम संयम को संयमित एवं नियमित कर लिया, उसी दिन से सब ठीक हो जाएगा। वरना तो हॉस्पिटल और डॉक्टर भले ही कोई अपने दोनों जेब में लेकर घूमो या अपने नौ द्वार स्थान में ही घुसेड़ कर क्यों न रखे, वह मरेगा और रोगों से ही मरेगा। कोरोना ही नहीं कोरोना से भी बड़ी बड़ी बीमारियों से मरेगा।
फिर एक बार सुन लो समझ लो 👇
कर्म प्रधान विश्व रचि राखा। जो जस करहिं सो तस फल चाखा।।
काहु न कोउ सुख दुख कर दाता। निज कृत कर्म भोग सब भ्राता।।
आज ये बीमारी ही नहीं हर बीमारी आपकी जान ले लेगी क्यो की आपकी इम्यूनिटी पॉवर के लिए आप ये सब कर रहे है। Immunity आप सोचिए संभव कैसे है? How to Protect from Corona:
- बड़े शहर में रहने वाले 2से 3दिन पुराना ब्रेड पर 3से 6 महीने पुराना जैम लगाकर और दो से तीन दिन पुराना थैली वाला दूध पीकर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
- कई महीने पुराना केमिकल युक्त mineral water जिसमें कोई मिनरल्स नहीं है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
- पिंजरे… जिनको अंग्रेजी में flat फ्लैट कहते हैं जिनमें ना ताज़ी हवा नसीब होती है ना धूप,में बिना सूरज की रोशनी में और बिना ताजी हवा के उसमें रहकर अगर आप सोचतें कि बीमारी आपका पीछा छोड़ देगी तो मैं क्या कहूँ।
- 85% पानी मिला पैकेटबन्द फ्रूट जूस जिसमे तरह तरह के केमिकल और प्रिजर्वेटिव मिला हुआ है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
- ऐसी अनेक चीजे है जो आपके आस है उनको देखिए समझिए और अपने बच्चो को समझाए की चीज़/ बटर/ पीजा/ पास्ता / बेकरी / मयोनेज/ पैकेट में बंद नाइट्रोजन युक्त प्रिजर्वेटिव मिला पाम ऑयल और कई तरह के कोड वर्ड में लिखे हुए इंग्रेडियंट जिनको बिना समझे आप खाकर खुद को शाकाहारी समझ कर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
- योग और प्राणायाम और बिना खुली हवा के दिनभर में एसी और सिर्फ एसी में रहने वाले आपके फेफड़े करोना का झटका शायद ही झेल पाएं।
- ज्वार बाजरा रागी और भी कई सारे धान छोड़ कर सिर्फ और सिर्फ केमिकल युक्त गेंहू के भरोसे आप अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
- नन्हे नन्हे बच्चों और दादी और नानी के नुस्खे छोड़ कर आप डब्बा बंद प्रोटीन देकर सोचते है की ये स्ट्रॉन्ग बन रहा है और स्ट्रॉन्ग immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
- नहाने से लेकर संवारने तक खुद को भी और बच्चो को भी आप कितने केमिकल शरीर पर लगा लेते हो ओर सोचते हो की पोने तीन करोड़ रोम छिद्रों का कोई महत्व नहीं है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
- ताजा फल और उनका रस भारतीय भोजन और तुलसी जी कड़ी पत्ता ताजा नींबू और तरह तरह के घर में बने मुरब्बे और नाश्ते की जगह पैकेट वाला नाश्ता और भोजन खाकर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?