परिजनाें के विरोध के बावजूद प्रेमिका से शादी करना जायज है?
परिजनाें के विरोध के बावजूद प्रेमिका से शादी करना जायज है?

परिजनाें के विरोध के बावजूद प्रेमिका से शादी करना जायज है?

author
0 minutes, 0 seconds Read

प्रेम कोई एक मिनिट में घटने वाली घटना नहीं है। आपने किसी को देखा और आपको उसके प्रति आकर्षण महसूस हुआ और फिर आपके मन में उसी के विचार घूमने लगे और आप भी उन विचारों के साथ हो लिए क्योंकि यह एक आनंद देने जैसा अनुभव है।

फिर आपने सामने वाले से बात करने की, उसे प्रभावित करने की हर सम्भव कोशिश की और फिर आपने अपने साथी के साथ समय व्यतीत किया और अब यह प्रेम में परिवर्तित हो गया। अब आप दोनों भविष्य के लिए सपने देखने लगे और अपने साथी को उम्मीदें देने लगें।

अब इतना सब घटित होने बाद आपको याद आये अपने घरवाले, जिनके बारे में आपको सब कुछ मालूम था कि वह आपके प्रेम को स्वीकार नहीं करेंगे और फिर आप सोचतें है कि मैं अपने प्रेम के साथ क्या करूँ।

जिस प्रेम को पूरा न कर सको उसे होने से रोको। यह भी एक गलत कर्म है। मन की सतह पर दिया गया दु:ख शरीर के दु:ख से छोटा नहीं होता। जिस समय किसी के लिए प्रेम भरा पहला विचार आये तब उसी समय अपने परिवार को याद करो। आपको कोई अधिकार नहीं कि मजबूरी के नाम पर आप किसी के दु:ख का कारण बनो।

author

editor

पत्रकारिता में बेदाग 11 वर्षों का सफर करने वाले युवा पत्रकार त्रिनाथ मिश्र ई-रेडियो इंडिया के एडिटर हैं। उन्होंने समाज व शासन-प्रशासन के बीच मधुर संबंध स्थापित करने व मजबूती के साथ आवाज बुलंद करने के लिये ई-रेडियो इंडिया का गठन किया है।

Similar Posts

error: Copyright: mail me to info@eradioindia.com