देश

घुसपैठियों पर लगाम जरूरी

यह संतोष का विषय है कि अभिनेता सैफ अली पर उनके ही घर में हमला करने वाले शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फाकिर उर्प विजय दास को मुंबईं पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जांच में जुटे पुलिस अधिकारी तो यह भी दावा करते हैं कि आरोपी को यह भी पता नहीं था कि वह जिस फ्लैट में घुसा था, वह फिल्म अभिनेता सैफ अली खान का है।

जानकारी यह भी मिली है कि पिछले 5 वर्षो से यह हमलावर पहचान छिपाकर मुंबई में ही रह रहा था। सवाल यह है कि बांग्लादेशी घुसपैठिया बड़े शहरों में कैसे जड़ें जमाने में सफल रहा! इतना तो सच है कि यदि कोईं मुंबई का भारतीय चोर होता तो वह सैफ अली खान जैसे अभिनेता के घर में चोरी के परिणाम का अनुमान लगाकर ऐसी हरकत न करता किन्तु इस बांग्लादेशी को कदाचित इस बात की जानकारी नहीं थी।

अब जब पूरी दुनिया में घुसपैठियों के खिलाफ कठोर नीति अपनाई जा रही है तो भारत में ही ये घुसपैठिए आखिर क्यों धड़ल्ले से घुसे चले आ रहे हैं! अब समय आ गया है कि सरकार घुसपैठ पर नियंत्रण लगाने के लिए सभी पार्टियों से व्यापक विचार विमर्श करके एक ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए जिसमें दूसरे देशों से भारत में आने और आकर सारे दस्तावेज तैयार कर लेने की घटनाओं की गहराईं से जांच होनी चाहिए तथा जांच उनकी भी होनी चाहिए जो घुसपैठियों से पैसे लेकर उनका आधार कार्ड,वोटर कार्ड, राशन कार्ड भी बना देते हैं।

ऐसा नहीं है कि घुसपैठियों के खिलाफ कोई कानून ही नहीं है। सब कुछ है और पहले से ही है। किन्तु दुर्भाग्य तो यह है कि किसी कानून को लागू कराने के लिए एक नए कानून की जरूरत होती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों, कई हाईकोर्ट के फैसलों में यह बात सुनिश्चित हो चुकी है कि बिना वैध वीजा के कोईं भी घुसपैठिया देश में न तो रह सकता है और न ही नौकरी कर सकता है। लेकिन प्राय: देखा जाता है कि घुसपैठियों को आसानी से बसने में मदद की जाती है और उनकी संख्या लगातार बढ़ जाती है तो राजनीतिक पार्टियां उन्हें अपना वोटर बनाने के लिए छटपटाने लगती हैं। इसी छटपटाहट में आसानी से घुसपैठिए सारे दस्तावेज बनवा लेते हैं।

दिल्ली में उपराज्यपाल तो विशेष अभियान चला कर ऐसे घुसपैठियों को पकड़ने के लिए सारे प्रयास कर ही रहे हैं किन्तु अच्छा होता कि सभी राज्य सरकारों को भी विशेष अभियान चलाकर इन्हें पकड़ना चाहिए। जाहिर सी बात है कि जब इन घुसपैठियों की धर पकड़ होगी तो ये लोग बांग्लादेश से यहां आकर चोरी करने का प्रयास नहीं करेंगे।

हालांकि सैफ जिस सोसायटी में रहते हैं, उसके द्वारा सुरक्षा प्रबंधन भी लचर है। यदि सोसायटी अपने सुरक्षा प्रबंधन के कील कांटे फिट नहीं करेगी तो उसके अन्दर रहने वाले सैफ के साथ जो हुआ, वैसा ही दूसरे के साथ भी होगा। इसलिए हर स्तर पर सुरक्षा संबंधी चौकसी, सतर्कता और सक्रियता बरतने की जरूरत है।

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पत्रकारिता में बेदाग 11 वर्षों का सफर करने वाले युवा पत्रकार त्रिनाथ मिश्र ई-रेडियो इंडिया के एडिटर हैं। उन्होंने समाज व शासन-प्रशासन के बीच मधुर संबंध स्थापित करने व मजबूती के साथ आवाज बुलंद करने के लिये ई-रेडियो इंडिया का गठन किया है।

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