Kadipur Vidhan Sabha Result 2022: कुछ सीटें इतिहास बन जाती हैं तो कुछ दल इतिहास में चले जाते हैं
Kadipur Vidhan Sabha Result 2022: कुछ सीटें इतिहास बन जाती हैं तो कुछ दल इतिहास में चले जाते हैं

Kadipur Vidhan Sabha Result 2022: कौन प्रत्याशी हैं Good और कौन है जनता की लिस्ट में Bad

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Kadipur Vidhan Sabha Result 2022: उत्तर प्रदेश 2022 के चुनावी महासंग्राम का आगाज हो चुका है। यह लिखते वक्त तक मतदान का एक चरण संपन्न हो चुका है। सभी दल अपने विपक्ष के मतों में सेंध लगाने का प्रयास कर रहे हैं। पांचवें चरण का इंतजार कर रही कादीपुर सीट पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। कादीपुर सीट पर इस बार लड़ाई वर्चस्व को लेकर है। भाजपा अपनी जीत दोहराने मैदान में उतरी है तो बसपा और सपा अपना सियासी भविष्य बचाने में जुटे हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव में कादीपुर विधानसभा सीट (Kadipur Vidhan Sabha Result 2022) से सपा कांग्रेस के गठबंधन से विधायक रहे राम चंद्र चौधरी के पुत्र अंगद चौधरी, बसपा से दो बार विधायक रहे भगेलू राम और भाजपा से राजेश गौतम चुनावी मैदान में थे। यहां भाजपा उम्मीदवार राजेश गौतम ने दोनों दिग्गजों को पटकनी देते हुए 87136 वोट पाकर भाजपा का परचम कादीपुर में लहरा दिया था।

सीट का इतिहास

सुल्तानपुर जिले में मोदी लहर का जादू इस कदर चला था कि 2017 के चुनाव में सभी पार्टियों का गणित फेल हो गया था। जिले की चार विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा हो गया था, एक सीट पर सपा सफल होने में कामयाब रही। भाजपा के हिस्से में आई चार सीटों में से एक है कादीपुर विधानसभा जो जिले की सबसे बड़ी विधानसभा सीट है।

Kadipur Vidhan Sabha Result 2022: 11 बार रहा है कांग्रेस का कब्जा

इस सीट के इतिहास की बात करें तो कादीपुर विधानसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। यहां कांग्रेस का टिकट जीत की गारंटी थी। इस विधानसभा सीट पर पहली बार 1951 में चुनाव हुए थे। उस वक्त यह सीट अनारक्षित श्रेणी में आती थी। इस चुनाव में कांग्रेस के शंकर और काशी प्रसाद ने जीत हासिल की थी। 1957 में सीट सुरक्षित श्रेणी में आ गई। इस बार भी कांग्रेस के काशी प्रसाद और शंकर ही विधायक बने।

1962 में श्रीपति मिश्रा, 1967 में सुखदेव, 1969 में जगदीश प्रसाद, 1974 में जयराज गौतम कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे। 1977 में जनता पार्टी ने कांग्रेस की जीत का क्रम को तोड़ दिया। हालांकि 1980 में कांग्रेस के जयराज गौतम फिर विधायक बने। वहीं 1985 में रामआसरे फिर 1989 में तीसरी बार जयराज गौतम ने विधायक बनकर कांग्रेस का परचम लहराया।

1991 में भाजपा का कांग्रेस के गढ़ पर कब्जा

90 के दशक में चल रही राम लहर पर सवार होकर भाजपा ने कांग्रेस के इस गढ़ को तोड़ दिया और 1991 के चुनाव में काशीनाथ विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे। लेकिन भाजपा जीत दोहरा नहीं पाई और इस सीट पर 2002 और 2007 में बसपा के भगेलू राम का लगातार दो बार कब्जा हो गया। 2012 में चली साइकिल की रफ्तार ने सबको पीछे छोड़ दिया और रामचंद्र चौधरी यहां से विधायक बने लेकिन 2017 की मोदी लहर में भाजपा ने 25 साल बाद इस सीट पर कब्जा किया और राजेश गौतम विधायक बने।

2017 विधानसभा चुनाव का परिणाम

क्रमप्रत्याशीपार्टीवोटवोट प्रतिशत
1.राजेश गौतमभाजपा8735341.50
2.भगेलूरामबसपा6074928.86
3.अंगद कुमारकांग्रेस3204215.22
—-जीत का अंतर—-26604—-

2012 विधानसभा चुनाव का परिणाम

क्रमप्रत्याशीपार्टीवोटवोट प्रतिशत
1.रामचंद्र चौधरीसपा9728351.40
2.भगेलूरामबसपा5917331.27
3.राजेश गौतमकांग्रेस119296.31
4.काशीनाथभाजपा87004.60
—-जीत का अंतर—-38110—-

अब जानते हैं कि वर्तमान में इस सीट पर कौन-कौन मुकाबले में है। भाजपा से राजेश गौतम पर भाजपा ने भरोसा जताया है तो सपा से भगेलूराम उम्मीदवार हैं। बसपा से हीरालाल मैदान में हैं और कांग्रेस से निकलेस सरोज भाग्य आजमा रहे हैं। 2017 में इस सीट पर बसपा से भगेलूराम उम्मीदवार थे। उनको 59173 वोट मिले थे। इस बार भगेलूराम सपा से उम्मीदवार हैं। मतदान की तारीख है रविवार, 27 फरवरी 2022 और यह दिन मैदान में उतरे उम्मीदवारों का भाग्य लिखेगा।

भाजपा राजेश कुमार गौतम
सपा भगेलूराम
बसपा हीरालाल गौतम
कांग्रेस निकलेश सरोज

कुल मिलाकर अब देखना यह है कि कादीपुर विधानसभा (Kadipur Vidhan Sabha Result 2022) में इस बार किस प्रतयाशी का राज होगा और किसे हार मिलेगी। हालाकि यह सबकुछ जनता के हाथों में है और जनता बहुत ही समझदार हो चुकी है।

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Santram Pandey

पत्रकारिता के 40 बसंत पार कर चुके संतराम पांडे, पूर्णकालिक पत्रकार हैं और खाटी पत्रकारिता के जीवंत उदाहरण स्वरूप अंकुरित प्रतिभाओं को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। वर्तमान में ई-रेडियो इंडिया के वरिष्ठ संपादक हैं।

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