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Kalakritiyan Foundation Meerut ने पालीथीन के दुष्प्रभावों के बारे में बताया

Kalakritiyan Foundation Meerut ने पालीथीन के दुष्प्रभावों के बारे में बताया

Kalakritiyan Foundation Meerut ने पालीथीन के दुष्प्रभावों के बारे में बताया

Kalakritiyan Foundation Meerut: पर्यावरण जागरूकता को आगे बढ़ाने के लिए कलाकृतियां फाउंडेशन पिछले कई वर्षों से समाज में कार्य कर रहा है। गंगानगर एवं मीनाक्षीपुरम में पॉलिथीन से मुक्ति दिलाने के लिए इसके कुप्रभाव के बारे में लोगों को बताकर जागरुक किया गया।

Kalakritiyan Foundation Meerut की अध्यक्षा शिप्रा गौतम ने गंगानगर और मीनाक्षीपुरम में रहने वाले दुकानदारों से मिलकर उनको पॉलीथिन से होने वाले नुकसानों के बारे में समझाया और बताया कि पॉलीथिन का इस्तेमाल ना तो खुद करें और ना ही दूसरों को करने दें।

Kalakritiyan Foundation Meerut की मुहिम के अंतर्गत  संस्था अध्यक्षा शिप्रा गौतम द्वारा क्षेत्र के दुकानदारों को पॉलीथिन के प्रयोग को रोकने एवं ग्राहकों को कपड़े के थैलों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया।

मेरठ से एक दिन में निकलता है छह टन कचरा

शिप्रा गौतम ने बताया कि अकेले मेरठ से 1 दिन में 6 टन से ज्यादा कचरा निकलता है, जिसमें 95% पॉलिथीन होती है। यदि हम ट्वेल्थ पॉलिथीन के इस्तेमाल को कम करें तो गंदगी के साथ-साथ कचरे से होने वाली बीमारियों कोई भी रोकथाम किये जाना संभव है।

शिप्रा ने कहा कि Kalakritiyan Foundation Meerut अपने प्रयासों को जारी रखेगी और इसी तरह से क्षेत्र में लोगों को जागरूक करती रहेगी। उनके प्रयासों की सराहना समाज में होती है जिससे उन्हें इस कार्य को करने में प्रेरणा मिलती है।

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