दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर कहा है कि जब वे जेल में थे या उससे पहले जब केंद्रीय एजेंसियों की पूछताछ चल रही थी तब उनके ऊपर दबाव डाला जा रहा था और बार बार कहा जा रहा था कि वे एनडीए में शामिल हो जाएं।
पहले केजरीवाल और उनकी पार्टी की ओर से दावा किया जा रहा था कि उनको भाजपा में शामिल करने का प्रयास हो रहा है। अब वे कह रहे हैं कि उनकी पार्टी को एनडीए में शामिल होने के लिए कहा गया। उन्होंने यह भी कहा कि मनीष सिसोदिया को भी बार बार कहा गया कि वे भाजपा में शामिल हो जाएं तो उनके सारे मुकदमे खत्म कर दिए जाएंगे। केजरीवाल ने कई बार यह आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के विधायकों को खरीदने के लिए हर विधायक को 20 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया गया।
झूठ बोलने में माहिर केजरीवाल और उनकी पार्टी ने यह भी कहा कि उनके पास सबूत हैं, लेकिन आज तक पार्टी ने कोई सबूत पेश नहीं किया है। कोई फोन नंबर नहीं बताया, जिससे उनको फोन आया। किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया, जिसने उनको भाजपा या एनडीए में शामिल होने का प्रस्ताव दिया।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि दूसरा कोई विपक्षी नेता यह नहीं कहता है कि उसको ऐसा कोई प्रस्ताव मिला है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जेल गए और यह आरोप लगाया कि विपक्ष में होने की वजह से ज्यादती हो रही है, लेकिन यह नहीं कहा कि किसी ने उनसे कहा है कि भाजपा या एनडीए में शामिल हो जाइए तो मुकदमे खत्म हो जाएंगे। इस तरह के आरोप अकेले केजरीवाल लगाते हैं और किसी का नाम नहीं लेते हैं। आखिर कब तक केजरीवाल किसी का नाम लिए बगैर या कोई सबूत दिए बगैर इस तरह के आरोप लगाते रहेंगे? जनता अब ईमानदारी का दम्भ भरने वाले केजरीवाल की चालों को अच्छी तरह समझ चुकी है। इसलिए उन्हें भी जान लेना चाहिए कि लोगों को बेवकूफ बनाने की कोई चाल अब कामयाब होने वाली नहीं है।