बिहार

केविवि के प्रो. प्रसून दत्त सिंह चीफ प्रॉक्टर नियुक्त

पुनर्गठित प्रोक्टोरियल बोर्ड में चीफ प्रॉक्टर, उप-प्रॉक्टर, सहायक प्रॉक्टर सहित कुल 9 लोग शामिल

मोतिहारी। महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मानविकी एवं भाषा संकाय के संकायाध्यक्ष सह गाँधी भवन परिसर निदेशक प्रो. प्रसून दत्त सिंह को विश्वविद्यालय का चीफ प्रॉक्टर नियुक्त किया गया है।

संस्कृत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. सिंह विश्वविद्यालय में संचालित भारत विद्या केंद्र और राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक और अनेक समितियों में अध्यक्ष के दायित्वों का सफलता पूर्वक निर्वहन कर रहे हैं। प्रो. सिंह विश्वविद्यालय में गठित सांस्कृतिक और साहित्यिक परिषद् , मेडिकल री-एम्बरसमेंट पॉलिसी , डीपीआर , ओवरऑल कॉन्वोकेशन आदि समितियों में चेयरमैन एवं सदस्य के रूप शामिल है। आप विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद में सदस्य भी है।

अकादमिक और प्रशासनिक दृष्टि से आपके पास गहरा अनुभव है। आपके शोध निर्देशन में 03 शोधार्थियों को पी-एच. डी. और 02 शोधार्थी को एम. फिल. उपाधि प्राप्त हुई है। 13 से अधिक पुस्तकों के लेखक और संपादक प्रो. प्रसून दत्त सिंह के 60 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों में प्रकाशित है। साथ ही आपके यूजीसी प्रायोजित 03 शोध परियोजना पूर्ण है और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा में चांसलर नॉमिनी है। यूजीसी सूचीबद्ध शोध पत्रिका ‘दृष्टिकोण’ के संपादक प्रो. सिंह ‘संस्कृत भूषण’ और ‘ सर्वपल्ली राधाकृष्णन’ राष्ट्रीय सम्मान से भी सम्मानित है।

कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने हर्ष जताते हुए कहा कि प्रो. प्रसून दत्त सिंह के अकादमिक कौशल के साथ अनुशासनात्मक अनुभव का लाभ विश्वविद्यालय को प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक और प्रशासनिक वातावरण के सुचारू संचालन में अनुशासन का विशेष महत्व है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रो. सिंह के नेतृत्व में गठित नियंता मंडल अकादमिक उत्कृष्टता को प्राप्त करने की दिशा में बेहतर कार्य करेगी।

प्रो. प्रसून दत्त सिंह ने कहा कि चीफ प्रॉक्टर के रूप में मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता विश्वविद्यालय को अनुशासनात्मक रूप से और अधिक प्रतिष्ठित करना और विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के बीच स्वस्थ मैत्रीपूर्ण परिवेश निर्मित करना है। प्रो. सिंह ने कहा कि अनुशासन को लेकर नियंता मंडल पूर्णतया प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह की अव्यवस्था से कोई समझौता नहीं कि जायेगी।

पुनर्गठित प्रोक्टोरियल बोर्ड में उप-प्रॉक्टर डॉ. बिमलेश कुमार सिंह (अंग्रेजी विभाग) और डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव (हिंदी विभाग) को तथा सहायक प्रॉक्टर डॉ. स्वेता (समाजशास्त्र विभाग), डॉ. शिवेन्द्र (वाणिज्य विभाग), डॉ. प्रेरणा भादुली (राजनीति विज्ञान विभाग), डॉ. नीलाभ श्रीवास्तव (भौतिक विज्ञान), डॉ. श्याम बाबू प्रसाद (प्राणी शास्त्र विभाग) एवं डॉ. सुनील दीपक घोड़के (मीडिया अध्ययन विभाग) शामिल हैं।

पुनर्गठित प्रोक्टोरियल बोर्ड में शामिल चीफ प्रॉक्टर, उप-प्रॉक्टर तथा सहायक प्रॉक्टर को विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

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