- पटवारियों के खेल में अधिकारियों की सहमति की चर्चाएं
- भ्रष्टाचार का बोलबाला, सरकार के सपने चकनाचूर
- सरकारी जमीन को अवैध रूप से करवा रहे कब्जा
पटवारी के खेल में फंसे नगर निगम की कहानी पिछले कई दिनों से मीडिया लगातार आवाज उठता रहा है लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है। मुख्यमंत्री से शिकायत करने के बाद अब यह प्रकरण तूल पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश’ के सपने पर कुठाराघात करते हुए यहां के पटवारी ने सरकारी जमीनों पर कब्जा करवाना शुरू कर दिया था।
नगर निगम मेरठ के पटवारी खसरा नंबर को बदलकर सरकारी भूमि पर करवा रहे हैं। इस खेल में अधिकारियों के शामिल होने की भी चर्चाएं तेज हो रही हैं। हालाकि ऐसे दो पटवारियों के खिलाफ शिकायत की गई है जिससे विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है।
पटवारी रूद्रेश और कुंवर पाल की शिकायत नगर विकास मंत्री व प्रमुख सचिव सहित मेरठ के जिलाधिकारी से पहले ही की गई है। इस संबंध में योगी आदित्यनाथ से पहले ही संपत्ति जांच करने की कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है।
मीडिया इन भ्रष्टाचारियों का काला चिट्ठा सरकार व आम जनता के समक्ष खेलकर ही रहेगी। अपनी कार्यशाली की वजह से नगर निगम इन दिनों बदनामी की मार झेल रहा है और साथ ही साथ यहां कार्य करने वाले कर्मचारी व अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए दिखाई दे रहे हैं।
मूक दर्शक बनकर इस तरह के भ्रष्टाचारों को छुपाने की कोशिश करना भी अधिकारियों की फितरत में शामिल हो गया है। फिलहाल मुख्यमंत्री कार्यालय पर शिकायत करने के बाद प्रशासनिक हमले की नजरें नगर निगम में हो रहे इस तरह के भ्रष्टाचारों पर गड़ी हुई है, देखना यह है कि अब इस पर कार्रवाई क्या होती है?