नोट छापने वाले गैंग का भंडाफोड़, मास्टरमाइंड जेल में

नोट छापने वाले गैंग की जानकारी देते अधिकारी।

कुछ माह पहले ही मेरठ में पकड़ा गया था नकली किताब छापने वाला गैंग

मेरठ। गंगानगर में पिछले काफी समय से नकली नोट छाप रहे एक गैंग का भंडाफोड़ कर आराेपी सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार गैंग में लगभग एक दर्जन लोग शामिल हैं।

रविवार रात गंगानगर के बी-ब्लॉक स्थित एक दुकान पर युवती नकली नोट लेकर पहुंची थी। दुकानदार ने इसकी सूचना पुलिस को दी। दुकानदार के मुताबिक कुछ दिन पूर्व भी युवती उसकी दुकान पर नकली नोट देकर गई थी। युवती पर शक होने पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दर्जनभर लोगों के नाम सामने आए। पुलिस ने सोमवार को चार युवती व अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की।

काफी समय से चल रहा था कारोबार

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि पिछले काफी समय से नकली नोटों के छापने का काम चल रहा था। सूत्रों के अनुसार आरोपी 500 और 2000 के नोट छापते थे और उन्हें गंगानगर, पिलखुवा सहित कई जगहों पर सप्लाई करते थे। पुलिस ने नोट छापने वाले प्रिंटर को भी बरामद कर लिया है।

सवा लाख नकली नोट छाप चुके हैं

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अभी तक सवा लाख से ज्यादा नकली नोट छाप चुके हैं। जिन्हें गंगानगर सहित अन्य क्षेत्रों में सप्लाई किया जा चुका है। सोमवार को एसपी देहात व सीओ सदर देहात ने थाने में आरोपियों से पूछताछ की। मंगलवार को गंगानगर पुलिस अधिकारिक रूप से मामले का खुलासा कर सकती है।

रिश्तेदारों ने मिलकर बनाया गैंग

सीओ सदर देहात पूनम सिरोही ने बताया कि नकली नोट छापने के गैंग में शामिल ज्यादातर लोग एक दूसरे के रिश्तेदार हैं। गैंग की मुखिया सिखेड़ा निवासी एक महिला गंगानगर में किराए पर रहती है। यहां सिवाया निवासी उसकी बहन का बेटा रोबिन भी रहता है। गैंग में शामिल पिलखुवा निवासी सिकंदर पर पहले भी कई आपराधिक मामलों में जेल जा चुका है।पूछताछ में आरोपियों ने प्रशांत नाम के व्यक्ति को गैंग का मास्टर माइंड बताया। लेकिन प्रशांत के जेल में होने के कारण पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। इसके अलावा कई युवतियां भी गैंग में शामिल हैं।

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