शास्त्र सिर्फ नल कि टोंटियां है, उसके पीछे बड़ा जाल है

एक आदमी था,  बहुत अदभुत आदमी था–लारेंस।
वह अरेबिया में, बहुत दिन तक अरब में आकर रहा। अरब की क्रांति में उसने भाग लिया। और धीरे-धीरे अरब लोगों के साथ उसका इतना प्रेम हुआ कि वह करीब-करीब अरबी हो गया।
फिर अपने कुछ अरब मित्रों को लेकर वह पेरिस गया दिखाने। पेरिस में एक बड़ा मेला भरा हुआ था तो उसने कहा कि चलो तुम्हें पेरिस दिखा लाऊं।
एक बड़े होटल में ठहराया।
जाकर पेरिस घुमाया-एफिल टावर दिखाया, म्युजियम दिखाया, सब बड़ी-बड़ी चीजें दिखाईं!
लेकिन अरबों को किसी चीज में रस न था! उनको रस एक अजीब चीज में था, जिसकी आप सोच ही नहीं सकते!
वे लूब्र म्यूजियम में जल्दी करें, कि जल्दी होटल वापस चलो! मेले में दिखाने ले गया। एक्झिबीशन दिखाई–बड़ी-बड़ी चीजें थीं। एफिल टावर को दिखाया।
वे कहते कि जल्दी वापस चलो और जल्दी से जाकर बाथरूम में घुस जाते!
इसने कहा, मामला क्या है!
सिनेमा में ले जाएं तो वे बीच में कहें कि जल्दी वापस चलो और जाकर सबके सब, जो आठ-दस साथी थे, सब अपने-अपने बाथरूम के अंदर हो जाते!
उसने कहा कि मामला क्या है!
पता चला कि मामला यह था–उनके लिए सबसे चमत्कार की चीज थी–टोंटी नल की! रेगिस्तान में रहने वाले लोग थे, उनके लिए इतना बड़ा मिरेकल था यह कि टोंटी खोलो और पानी बाहर! वे तो बस बाथरूम भी इतना बड़ा चमत्कार था–क्योंकि पानी की बड़ी तकलीफ थी और उनकी समझ में नहीं आता था कि यह हुआ क्या, होता कैसे! कि यह होता कैसे है?
वे तो बार-बार दिन में बीस दफा अंदर बाथरूम में जाकर टोंटी खोल कर देखते फिर पानी गिर रहा है!
जिस दिन जाने का वक्त आया,
सब वापस लौटने को थे। कार बाहर आ गई। सामान रख गया, सब अरब एकदम नदारद हो गए! तो उसने खोजवाया कि वे कहां गए?
मैनेजर से पूछा कि सब साथी कहां गए?
अभी तो यहां थे, पता नहीं कहीं बाहर तो नहीं निकल गए? होटल के आस-पास दिखवाया, कहीं भटक न जाएं, भाषा नहीं जानते! लेकिन वे कहीं न निकले!
फिर उसे खयाल आया कि कहीं वे बाथरूम में न चले गए हों, जाने का वक्त है!
वह गया। अंदर जाकर देखा तो वे सब अपने-अपने बाथरूम में नल की टोंटी निकालने की कोशिश करते थे!
तो उसने पूछाः
यह तुम क्या कर रहे हो पागलो?
तो उन्होंने कहाः
इस टोंटी को हम घर ले जाना चाहते हैं।
ये बड़ी अदभुत हैं।
बस खोलो और पानी निकलता है!
उसने कहा कि पागलो,
टोंटी ले जाने से कुछ भी न होगा, क्योंकि टोंटी के पीछे बड़ा जाल है, बड़ा रिजर्वायर है पानी का। उधर से यहां तक आई हुई नालियां पड़ी हैं, उनसे पानी आ रहा है। टोंटी से कोई मतलब नहीं है।
और वे बिचारे यही समझते थे कि इतनी सी टोंटी, इसको खोल कर ले चलें घर, अरब में मजा आ जाएगा! जो भी देखेगा, वही चमत्कृत होगा। खोली टोंटी और पानी निकल आएगा!
वह जो शास्त्र है सिर्फ टोंटी है।

उसके पीछे बड़ा जाल है। शास्त्र की टोंटी खोलने से कोई ज्ञान नहीं निकल आएगा। उसके पीछे बड़ा जाल है।
कृष्ण की गीता सिर्फ टोंटी है, पीछे कृष्ण का बड़ा जाल है, बड़ा रिजर्वायर है। वह आप गीता को दबाए फिर रहे हैं! आप वही गलती कर रहे हैं, वे जो अरब नासमझी से करते थे। शास्त्रों को दबाए फिरने से कुछ भी न होगा।
वे सिर्फ टोंटियां हैं,
उनसे कुछ भी नहीं निकल सकता।
उनके पीछे बड़ा जाल है। उस पीछे बड़े जाल पर पहुंचना होगा, तो आप भी शास्त्र बन जाएंगे। तब आप जो बोलेंगे, वह शास्त्र बन जाएगा।
लेकिन उस पीछे के रिजर्वायर पर वह पीछे जलस्रोत, परमात्मा का, सत्य का जहां है, वहां पहुंचना पड़ेगा। टोंटी ले जाने से कुछ भी नहीं हो सकता।
टोंटियां बिक रही हैं,
मुफ्त भी बिक रही हैं! वह गीता प्रेस गोरखपुर टोंटियां छापता है! उसे अपने घर में रख लो! दो-दो पैसे, चार-चार पैसे में रख लो! खोलो टोंटी ज्ञान की धारा बहने लगेगी!
नहीं, टोंटियों से कुछ भी नहीं हो सकता। ज्ञान नहीं, जानने की क्षमता।

-ओशो…🌹 शून्य के पार

 
 




Image result for osho hindi"
osho hindi audio
osho hindi books
osho hindi speech
osho hindi quotes
osho hindi mp3
osho hindi lekh
osho hindi meaning
osho hindi wikipedia
osho hindi bhajan
osho hindi audio mp3
osho hindi app
osho hindi archive
osho hindi album
osho hindi audio books
osho hindi audio on buddha
osho hindi articles
osho hindi audio listen online
osho hindi ashtavakra gita
osho hindi blog
osho hindi books on kabir
osho hindi books online
osho hindi books amazon
osho hindi comedy
osho hindi comedy speech
osho hindi cinema
osho hindi.com
osho hindi cartoon
osho criticism hindi
osho camp hindi
osho indian culture
osho hindi audio.com
osho hindi discourses
osho hindi discourses part 2
osho hindi discourse mp3
osho hindi dhyan vidhi
osho hindi discourse youtube
Send Your News to +919458002343 email to eradioindia@gmail.com for news publication to eradioindia.com
Exit mobile version