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पंचकर्म से भी बची कोविड मरीजों की जान : डा. लक्ष्मीकांत

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मेरठ। आयुर्वेद ने आधुनिक चिकित्सा पद्धति को नई रोशनी दी है। आयुर्वेदाचार्य डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने आनंद अस्पताल में पंचकर्म-आयुर्वेद केंद्र का शुभारंभ करते हुए बताया कि इस सनातन पद्धति ने कोरोना काल में लाखों मरीजों का जीवन बचाया। केंद्र सरकार ने भी आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध संस्थान खोल रही है।
आर्थोपेडिक सर्जन डा. संजय जैन और आयुर्वेदाचार्य डा. आलोक शर्मा ने बताया कि हम संक्रामक रोगों से हार रहे हैं। एंटीबायोटिक्स निष्प्रभावी हो चुकी है। 30-40 वर्ष की उम्र में ही इलाज लेन पड़ रहा है। अंग खराब होने लगे हैं। कम उम्र में ही अंग व जोड़ बदलना पड़ रहा। ऐसे में आयुर्वेद और पंचकर्म सेंटर से गठिया, लकवा, पेट रोग, साइनस, माइग्रेन, सर्वाइकल स्पान्डिलाइटिस, साइटिका, बीपी, डायबीटीज, लिवर संबंधी विकार, जोड़ों का दर्द, आख और आत की बीमारियों का इलाज होता है। इसके लिए अलग-अलग विधियां प्रचलन में हैं। मानसी आनंद ने कहा कि आयुर्वेद और पंचकर्मा सेंटर के जरिए मरीजों की सेवा का बड़ा प्रयास किया गया है। मैनेजर मुनेश पंडित समेत कई सीनियर डाक्टर भी उपस्थित रहे।

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Santram Pandey

पत्रकारिता के 40 बसंत पार कर चुके संतराम पांडे, पूर्णकालिक पत्रकार हैं और खाटी पत्रकारिता के जीवंत उदाहरण स्वरूप अंकुरित प्रतिभाओं को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। वर्तमान में ई-रेडियो इंडिया के वरिष्ठ संपादक हैं।

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