रिपोर्ट- रमेश दायमा || ई-रेडियो इंडिया
झुंझुनू। रामकुमार पुरा निवासी पूनम धाबाई पर्यावरण की पर्याय बन गई है। पिछले दो महीने से खेतड़ी के लगभग दो दर्जन गांवों में हजारों पेड़ लगा चुकी है तथा उनका लक्ष्य है कि हर गांव में पहुंच कर पेड़ लगाए जाएं तथा हर व्यक्ति को इस अभियान से जोड़ा जाए, जिससे पर्यावरण को बचाया जा सके।
पूनम की इस पहल से गांवों की महिलाएं भी इस अभियान से जुड़ रही हैं। रविवार को पौधारोपण कार्यक्रम में बसई पहुंचने पर ग्रामीणों व महिलाओं ने पर्यावरण की पर्याय बनीं पूनम का भव्य स्वागत किया। खुली गाड़ी के साथ पौधारोपण कार्यक्रम स्थल पर ले जाया गया, जहां पर महिलाओं ने चुनरी व माला पहनाकर स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि पेड़ों का हमारी सनातन धर्म संस्कृति मैं बहुत महत्व है। हम तुलसी, बरगद, पीपल, आंवले, बेलपत्र जैसे कई पेड़ों की पूजा भी करते हैं। हमने जितना प्रकृति से लिया है उसका अगर कुछ हिस्सा भी वापस प्रकृति को लौटाएं तो प्रकृति को बचाया जा सकता है, अगर प्रकृति संतुलित नहीं होगी तो कोरोना जैसी महामारियां आती रहेंगी।
अभी से सचेत होना होगा हर व्यक्ति को अपने पारिवारिक उत्सव जन्मदिन शादी जलवा रिटायरमेंट पर एक पेड़ लगाना शुरू करें तो हम पर्यावरण को बचा सकते हैं। बरसात के मौसम में गांव में अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, हर आदमी कुछ समय पेड़ों के लिए निकाल ले तो पानी व गर्मी की समस्या अपने आप समाप्त हो जाएगी। पौधारोपण कार्यक्रम के संयोजक बुद्धि प्रकाश गुप्ता ने महिलाओं व पुरुषों से अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आग्रह किया। कार्यक्रम में धर्मपाल गुर्जर, प्रभु राजोता, पूर्व सरपंच राम सिंह शेखावत, कैप्टन रामजीलाल, धर्मपाल कुमावत, मंगल सिंह, राजपूत समाज अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, मालीराम, जयप्रकाश, गंगाराम, मोहन, बावता, खुशीराम, गोनेड़ा, रोहिताश, मनकस, शिवानंद, निर्माण दुधवा सरपंच सत्यवीर गुर्जर, शिमला सरपंच धर्मेंद्र यादव, सोमदत्त, भगत, हवा सिंह गुर्जर, सुरेंद्र काजला सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।