Principal Chandralekha Jain को दी गई भावभानि श्रद्धांजलि
Principal Chandralekha Jain को दी गई भावभानि श्रद्धांजलि

Principal Chandralekha Jain को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

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Principal Chandralekha Jain मेरठ-जिले की प्रसिद्ध शिक्षाविद और सेंट जॉन्स स्कूल की प्रधानाचार्य थीं, उनकी असामयिक निधन पर ऑल इंडिया स्कूल लीडर्स एसोसिएशन(ऐसला) और कांति देवी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में द गुरुकुलम इंटरनेशनल स्कूल, जी-ब्लॉक शास्त्री नगर में एक श्रद्धांजलि व शोक सभा आयोजित की गई, कार्यक्रम में शिक्षा जगत, राजनीतिक जगत, सामाजिक जगत व मीडिया जगत से जुड़े लोगों ने शिरकत की।

Principal Chandralekha Jain की शोक सभा में ये रहे मौजूद

भाजपा के वरिष्ठ नेता और मीडिया संपर्क प्रमुख आलोक सिसोदिया, संस्कार भारती के मेरठ प्रांत संगठन महामंत्री अनिरुद्ध गोयल, द गुरुकुलम इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर प्रिंसिपल सरदार कवल जीत सिंह, कांति देवी फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट हिना रस्तोगी, वरिष्ठ पत्रकार नरेश उपाध्याय, मेरठ व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष जीतू नागपाल, यथार्थ के सारथी की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही त्यागी, मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र वर्मा, सचिव त्रिनाथ मिश्रा ने श्रद्धांजलि दी।

प्रिंसिपल चंचल शर्मा, प्रिंसिपल अंशुल त्यागी, प्रिंसिपल रुचि त्यागी, शैमरॉक स्कूल के चेयरमैन सोमेश रस्तोगी, भाजपा नेता पंकज बाजाज, अमित कुमार, व्यापारी नेता मो. शुएब, रोहित शर्मा, सौरभ कपूर, वरुण मित्तल, मयंक अग्रवाल, आशीष आहुजा, शिक्षक पलक शर्मा, सुषमा चौधरी, वर्तिका सेठी, सरिता सिंह आदि ने दिवंगत प्रिंसिपल व वरिष्ठ शिक्षाविद चंद्रलेखा जैन के चित्र पर माल्यार्पण करके सभी ने पुष्प अर्पित किया। साथ ही सभी ने दो मिनट का मौन रखकर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

कंवलजीत सिंह ने दी श्रद्धांजलि, सबकी आलोक सिसोदिया सहित सबकी आंखे नम

दिवंगत प्रधानाचार्य चंद्रलेखा जैन (Principal Chandralekha Jain) के साथ जुड़े संस्मरण को याद करते हुए प्रिंसिपल कवल जीत सिंह ने कहा कि चंद्रलेखा जैन के साथ उनका बीते 3 सालों का गहरा संबंध रहा है। कई सेमिनार, वर्कशॉप में साथ में भाग लिया। हाल ही में एमएलसी चुनाव में उनकी उम्मीदवारी का उन्होंने न केवल समर्थन किया था बल्कि तुरंत सभा भी आयोजित करवाकर बहन का प्यार दिया। भाजपा नेता आलोक सिसोदिया ने कहा कि उनके साथ उनका लगाव 10 सालों का रहा है। कई बार स्कूल में कार्यक्रम में भाग लिया और बेहद सौम्य व्यक्तित्व के साथ सदैव सामाजिक पृष्ठभूमि में जमीन से जुड़ी रहीं।

Principal Chandralekha Jain को भावभानि श्रद्धांजलि देते मौजूद लोग।
Principal Chandralekha Jain को भावभानि श्रद्धांजलि देते मौजूद लोग।

एडवोकेट हिना ने कहा कि वे प्रिंसिपल व शिक्षाविद होने के साथ साथ सामाजिक व्यक्तित्व की भी धनी थी। पौधारोपण और बेहतर पर्यावरण के लिए हमेशा सजग और तत्पर रहती थीं। जूही त्यागी दिवंगत प्रिंसिपल चंद्रलेखा जैन (Principal Chandralekha Jain) के साथ अपने सालों पुराने निजी संबंध को याद करके बेहद भावुक हो गईं। आंखों में आंसू लिए जूही त्यागी ने कहा कि मेरठ के शिक्षा जगत के साथ साथ सामाजिक क्षेत्र के लिए भी बहुत बड़ी छति हुई है। उन्होंने कहा बेहद हंसमुख और मृदुल स्वभाव की धनी चंद्रलेखा जैन हर वक्त उनके साथ मेरठ के सामाजिक कार्यों में आगे रहती थीं। उनके जाने से वे व्यथित हैं।

मेरठ व्यापार मंडल के अध्यक्ष जीतू नागपाल ने Principal Chandralekha Jain को बताया बेहतरीन शख्सियत

व्यापारी नेता जीतू नागपाल ने कहा कि सेंट जोंस स्कूल को बड़ी पहचान देने का श्रेय उनको जाता है। चूंकि वे उसी स्कूल के छात्र रहे हैं लिहाजा उनके साथ उनका भावनात्मक रिश्ता भी जुड़ा रहा था। उन्होंने कहा कि Principal Chandralekha Jain एक व्यवहारिक और सामाजिक महिला थीं। शिक्षा के क्षेत्र में उनका कोई जवाब नहीं था। बच्चों से बेहद प्यार करने वाली महिला थीं।

Principal Chandralekha Jain की याद में लगेंगे 11 पौधे, केडीएफ व ऐसला देगा ‘हरियाली श्रंद्धांजलि’

शोक सभा कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण संस्था कांति देवी फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट हिना रस्तोगी ने मेरठ की हरियाली की पुजारी रहीं प्रिंसिपल चंद्रलेखा जैन को अलग तरह से ‘हरियाली श्रद्धांजलि’ देने की घोषणा की है। हिना ने बताया कि पूर्व में मेरठ के शहीद मेजर केतन शर्मा को केडीएफ ने 101 पौधे की सलामी दी थी। उसी तरह प्रिंसिपल चंद्रलेखा जैन की याद में स्कूलों में 11 पौधे और चंद्रलेखा जैन की नाम पट्टिका भी लगानने शुरुआत 18 जनवरी 2021 दिन सोमवार से किया जाएगा।

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Siken Shekhar

अपने बारे में लिखना, वो भी एक बेबाक पत्रकार के लिए? ईमानदारी की सबसे बड़े इम्तिहान से गुजरने जैसी स्थिति को बतलाता है। शुरू से आज तक इम्तिहान से डरता आया हूँ। विद्यालय में कब कैसे इम्तिहान आ जाता था समझ नहीं आता था। इम्तिहान में कभी भी दिल नहीं करता था बैठने को। विद्यालय के इम्तिहान में विषय से सवाल होते थे, शिक्षक जब कॉपी की जांच करते थे तो उन्हें सवाल का जवाब बेहतर पता होता था। परिचय के इस इम्तिहान में सवाल मेरी अंदरूनी इच्छा, नजरिया, मेरी ईमानदारी, मेरा विश्वास, सोच और समझ पर है। और इन सारे पहलुओं पर जवाब आपको भी बेहतर मालूम है।

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