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Ram Navami 2021 पर छाया रहा कोरोना का साया

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बाल मुकुन्द ओझा

Ram Navami 2021 Special: देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए लगातार दूसरे साल देशभर में भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव 21 अप्रैल पर शोभा यात्रा नहीं निकाली जाएगी। श्रद्धालुओं को अपने घर में ही रह कर रामनवमी (Ram Navami 2021) माननी होगी। इस रामनवमी पर नौ साल बाद पांच ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है।

यह वृद्धिकारक शुभदायक संयोग होगा। ग्रहों की यह युति योति इस दिन को मंगलकारी बनाएगी। इससे पहले ऐसा संयोग साल 2013 में बना था। इस दिन पूजा और खरीदारी करने से घर समृद्ध बनता है मगर अनेक स्थानों पर लोक डाउन होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिषियों के अनुसार कई प्रकार की पूजाएं मौन व्रत रखकर भी की जाती है। इस वजह से पूजा के दौरान मास्क लगाकर रामनवमी का पर्व मनाया जा सकते हैं।

कोरोना महामारी के चलते देश में कई जगहों पर कर्फ्यू और लोक डाउन है। मंदिरों को बंद कर दिया गया है। ऐसे में राम नवमी (Ram Navami 2021) उत्सव मंदिर में मनाना मुश्किल है। रामनवमी का आरंभ 20 अप्रैल को मध्यरात्रि 12 बजकर 43 मिनट से लेकर 21 अप्रैल मध्यरात्रि 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। राम नवमी का मुहूर्त 11 बजकर 2 मिनट से लेकर 13 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। पौराणिक मान्यता है कि भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को त्रेता युग में हुआ था। त्रेता युग में भगवान राम ने अयोध्या के राजा दशरथ के घर जन्म लिया था। इसलिए इस तिथि को राम नवमी कहा जाता है।

Ram Navami 2021 Special: घर में ही मनाई गई राम नवमी

भगवान राम के एक चित्र या मूर्ति को लकड़ी के पाट पर रखें। मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें। फिर उनके मस्तक पर हलदी कुंकू, चंदन और चावल लगाएं। फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं। फिर उनकी आरती उतारें। रामनवमी पूजन को शुद्धता व सात्विकता का विशेष महत्व है।

इस दिन प्रातरूकाल स्नान-ध्यान से निवृत हो भगवान राम का स्मरण करते हुए भक्त व्रत एवं उपवास का पालन करते हुए भगवान राम का भजन व पूजन करते हैं। पूजा के बाद केसर भात, खीर, धनिए का प्रसाद या नैवेद्य चढ़ाएं। इसके अलावा उनको कलाकंद, बर्फी, गुलाब जामुन का भोग भी प्रिय है।

इस दिन किया गया रामनाम मंत्र जाप भव सागर से मुक्ति दिलाता है। कोरोना वायरस फैलने के खतरे को देखते हुए स्कूल-कॉलेज, मॉल जैसे सार्वजनिक जगहों के बाद अब धार्मिक स्थानों पर भी प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। अयोध्या में देश के सबसे बड़े पर्व के रूप में रामनवमी को मनाया जाता है। यहाँ रामलला के लिए बधाई गीत गाए जाते हैं।

अयोध्या में रामनवमी (Ram Navami 2021) को लेकर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है। ट्रस्ट की तरफ से कहा गया है कि रामनवमी (Ram Navami 2021) राम जन्मभूमि परिसर में ही मनाई जाएगी और इस दौरान भक्तों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित रहेगा। कोरोना को देखते हुए अयोध्या प्रशासन ने नवरात्रि के अंतिम दिन तीर्थयात्रियों के भारी भीड़ को आकर्षित करने वाले श्रामनवमी के मेलेश् को स्थगित करने का फैसला किया है।

इस बार यह मेला 21 अप्रैल से शुरू होने वाला था। अयोध्या की सीमाओं को सील कर दिया जाएगा और हरिद्वार कुंभ के संतों को भी प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। रामनवमी (Ram Navami 2021) पर राम जन्मभूमि मंदिर में पूजा करने के लिए सैकड़ों की संख्या में संत अयोध्या आने वाले थे। राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण इस साल ‘राम नवमी’ पर मंदिर में कोई भक्त नहीं होगा।

केवल एक पुजारी, ऑन-ड्यूटी पुलिसकर्मी और राम लला विराजमान होंगे। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब महामारी के कारण रामनवमी का जश्न नहीं मनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवंबर 2019 में मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद शहर में रामनवमी नहीं मनाई गई है।

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