अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य और दिव्य बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का सात दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में बुधवार को रामलला की मूर्ति को मंदिर परिसर में देर शाम प्रवेश करा कर भ्रमण कराया गया।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक अनुष्ठान प्रारम्भ हो गया है। पहले दिन प्रायश्चित और कर्मकुटी पूजन के लिये वाराणसी के वैदिक विद्वान रामसेवकपुरम् स्थित विवेक सृष्टि में पहुंचे।
यहां मुख्य यजमान के रूप में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्रा या उनकी पत्नी ने विधि विधान से पूजन-अर्चन किया था। आज सरयू नदी से कलश भरकर महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली और श्रीरामजन्मभूमि मंदिर परिसर में विश्व हिन्दू परिषद राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र सिंह पंकज और श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े गोपाल जी को समर्पित किया।
कलश यात्रा में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की पत्नी नम्रता पाठक, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह भी पावन सरयू से कलश लेकर रामजन्मभूमि तक चलीं। वहीं श्रीरामजन्मभूमि में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा भव्य रूप से सम्पन्न हो इसके लिये अयोध्या की हजारों महिलाओं ने पूजा-पाठ किया।
पहले दिन प्रायश्चित एवं कर्मकुटी पूजन के लिये वाराणसी के वैदिक विद्वान रामसेवकपुरम् स्थित विवेक सृष्टि में पहुंचे। यहां मुख्य यजमान के रूप में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्रा एवं उनकी पत्नी ने विधि विधान से पूजन-अर्चन किया था। इस दौरान रामलला की प्रतिमा का निर्माण करने वाले अरुण योगीराज भी मौजूद रहे।
22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला का नूतन विग्रह प्रधानमंत्री के हाथों से स्थापित करवाया जायेगा। विवेक सृष्टि से शुरू हुआ अनुष्ठान आगे श्रीरामजन्मभूमि में सम्पन्न हुआ। इसे सम्पन्न कराने के लिये देश भर से 121 विद्वान पहुंचे हैं। ये सभी विधि विधान काशी के विद्वान पं. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित की मौजूदगी में होगा। सभी शास्त्रीय परम्पराओं का पालन करते हुए सात दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान प्रारम्भ हो चुका है।
भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080 यानी सोमवार 22 जनवरी को होगा। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में सम्पन्न किया जायेगा। यह प्राण प्रतिष्ठा पूर्व शुभ संस्कारों का प्रारम्भ 31 जनवरी तक चलेगा। 18 जनवरी की शाम तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधीश व गंधाधीश सम्पन्न कराया जायेगा।