लखनऊ। सरकारी नौकरी लगवाने का दावा कर 23 लाख रुपये हड़पने वाले बापूभवन में तैनात संविदा कर्मचारी वीरेंद्र यादव को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में पांच मुकदमे दर्ज थे। डालीगंज निवासी शैलेश यादव ने लेखपाल भर्ती परीक्षा का फार्म भरा था। वर्ष 2016 की यह परीक्षा पूर्ण नहीं हो सकी थी। जिसकी वजह से शैलेश परेशान था। पीड़ित के मुताबिक उसे अन्जान नम्बर से एक कॉल आई थी। फोन करने वाले व्यक्ति ने अपनी पहचान महाराजगंज निवासी वीरेंद्र कुमार के तौर पर दी थी। वह सचिवालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मी होने का दावा भी कर रहा था। शैलेश ने आरोपी से पूछा था कि उनका नम्बर कैसे मिला। इस पर वीरेंद्र ने लेखपाल फार्म में नम्बर होने की बात कही थी। साथ ही सचिवालय में नियुक्ति दिलाने का दावा किया था। फोन पर बात होने के बा शैलेश मुलाकात करने के लिए सचिवालय गेट नम्बर-दस के पास पहुंचे थे। जहां उन्हें वीरेंद्र मिला था। बातचीत के दौरान वीरेंद्र ने उसे अपना आईडी कार्ड भी दिखाया था। इसके बाद आरोपी ने शैलेश से कहा कि अगर तुम रुपये खर्च कर सकते हो तो मैं नौकरी लगवा दूंगा। उसका दावा था कि अधिकारियों के साथ रहने की वजह से वह कई लोगों का करीबी है। रुपये खर्च करने पर आसानी से नियुक्ति मिल जाएगी। वीरेंद्र ने इसके लिए 15 लाख रुपये का खर्चा होने की बात कही थी। सचिवालय कर्मी के जरिए नौकरी मिलने के लालच में फंस कर शैलेश ने 15 लाख रुपये वीरेंद्र को दिए थे। जिसके बाद वीरेंद्र ने दो महीने का वक्त मांगा था। समय गुजरने के बाद शैलेश ने वीरेंद्र को फोन किया तो वह टाल मटोल करने लगा। उसे तलाशते हुए शैलेश कई बार सचिवालय भी पहुंचे थे। लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। पीड़ित के मुताबिक चार दिसंबर को डालीबाग में वीरेंद्र उन्हें मिल गया था। जिस पर शैलेश ने रुपये लौटाने के लिए कहा था। दबाव बनाने पर आरोपी ने एसबीआई अकाउंट का दस लाख रुपये का चेक दिया था। जो बाउंस हो गया। इसके बाद से ही आरोपी फोन भी नहीं उठा रहा है। शैलेश की तरह एलडीए कॉलोनी निवासी कल्पना पाण्डेय से भी वीरेंद्र ने दो लाख रुपये लेकर योजना भवन, गोसाईंगंज निवासी रजत कुमार यादव से एक लाख, अर्जुनगंज निवासी शुभम यादव से ढाई लाख और राजाजीपुरम निवासी आलोक त्रिपाठी से पीडब्ल्यूडी में नौकरी लगवाने के बदले ढाई लाख रुपये लिए थे।