Chandro Tomar practising shooting

Shooter Chandro Tomar Got Dead: का इलाज के दौरान निधन

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Shooter Chandro Dadi Tomar Dead: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति बटोरकर राष्ट्रीय स्तर पर 50 से अधिक पदक जीतकर कामयाबी हासिल करने वाली बागपत के जौहड़ी गांव निवासी अंतरराष्ट्रीय शूटर दादी चंद्रो तोमर का निधन (Shooter Chandro Tomar Got Dead) हो गया है। कुछ दिन पहले ही उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई थी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही थी।

शूटर दादी चन्द्रों की मेडिकल कॉलेज में आज शुक्रवार दोपहर उपचार के दौरान मृत्यु (Shooter Chandro Tomar Got Dead) हो गई है। उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है। मेडिकल के कोविड अस्पताल के प्रभारी डॉ. धीरज बालियान ने इसकी पुष्टि की है। इससे पहले वो मेरठ के आनंद अस्पताल में भर्ती थी। हालत बिगड़ने पर गुरुवार रात उन्हें मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था। तब से वो मेडिकल के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती थी।

मूलरूप से शामली के गांव मखमूलपुर में शूटर दादी का जन्म एक जनवरी 1932 को हुआ। सोलह साल की उम्र में जौहड़ी के किसान भंवर सिंह से उनकी शादी हो गई। भरे-पूरे परिवार में निशानेबाजी सीखने की दिलचस्प कहानी है। 

बता दें कि साल 1998 में जौहड़ी में शूटिंग रेंज की शुरुआत डॉ. राजपाल सिंह ने की। लाडली पौत्री शेफाली तोमर को निशानेबाजी सिखाने के लिए वह रोज घर से शूटिंग रेंज तक जाती थी। शेफाली शूटिंग सीखती और चंद्रो तोमर देखती रहती थी। एक दिन चंद्रो तोमर ने एयर पिस्टल शेफाली से लेकर खुद निशाना लगाया। पहला निशाना दस पर लगा… दादी की निशानेबाजी देख रहे बच्चों ने तालियां बजाई। यहीं से शुरू हुआ चंद्रो तोमर की निशानेबाजी का सफर।

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Shivani Mangwani

Shivani Mangwani is working as content writer and anchor of eradioindia. She is two year experienced and working for digital journalism.

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