- नई दिल्ली || ई-रेडियो इंडिया
राजधानी दिल्ली के इंद्रपुरी क्षेत्र में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है संभवत यह पहली घटना है जिसमें एक व्यक्ति ने अपने ससुराल पक्ष के लोगों की जान लेने के लिए स्लो प्वाइजन का इस्तेमाल किया है। मामले की जानकारी देते हुए पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त उर्विजा गोयल ने बताया घटना में प्रयुक्त थैलियम जहर का इस्तेमाल इसके धीरे असर करने के कारण पहले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को समाप्त करने के लिए किया जाता था। आरोपी वरुण ने इस जहर की इस विशेषता के कारण ही इस का इस्तेमाल अपने ससुरालियों की जान लेने के लिए किया।
इसके विषय में जानकारी उसने गूगल से प्राप्त की। और योजना बनाकर 31 जनवरी की रात आरोपी वरुण ने सभी लोगों के खाने के लिए मछली बनाई और उसमें स्लो प्वाइजन मिला दिया। सबको मछली खिलाने के बाद उसने स्वयं जबड़े में दर्द होने का बहाना बनाते हुए मछली नहीं खाई। मछली खाने के 3 दिन बाद स्लो प्वाइजन के असर के कारण उसकी साली प्रियंका शर्मा बीमार हो गई और बाद में उसकी मौत हो गई।
आरोपी वरुण की पत्नी भी अपनी मां और बहन की मौत के बाद बीमार पड़ गई। गंगाराम अस्पताल में एमएलसी के दौरान उनके शरीर में थैलियम स्लो प्वाइजन की मौजूदगी पाई गई। आरोपी वरुण के ससुर को भी बाल झड़ने की शिकायत महसूस हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए सहायक पुलिस आयुक्त विजय सिंह के मार्गदर्शन में एवं इंद्रपुरी थानाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया पुलिस द्वारा मामले की गहन छानबीन की गई छानबीन के दौरान पुलिस को चौंकाने वाली जानकारियां प्राप्त हुई।
पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस को इस परिवार के दामाद वरुण की भूमिका संदिग्ध नजर आई। आरोपी ने पुलिस को बताया की उसकी और दिव्या की शादी 12 साल पहले हुई थी परंतु बच्चा नहीं होने के कारण उसके ससुराल वाले उसको लगातार ताने देते थे जिसकी वजह से वह बहुत परेशान रहने लगा था। प्राकृतिक रूप से गर्भधारण ना करने के कारण 4 वर्ष पूर्व वरुण और उसकी पत्नी को आईवीएफ प्रक्रिया द्वारा जुड़वा बच्चे हुए थे।
लेकिन पिछले वर्ष दिव्या ने प्राकृतिक रूप से गर्भधारण किया। लेकिन गर्भधारण के दौरान जोखिम होने के कारण उसे चिकित्सकों की सलाह पर गर्भपात कराना पड़ा। गर्भपात की इस घटना के बाद आरोपी वरुण का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उसने दिव्या और उसके परिवार को खत्म करने की योजना बनाई और उस योजना के तहत स्लो पाइजन खिलाकर सबको मारने का प्लान बनाया परंतु वह अपनी योजना में कामयाब ना हो सका।
22 दिनों तक कोमा में रहने के बाद चिकित्सकों की सलाह पर दिव्या का थैलियम टेस्ट किया गया तो सारी घटना का रहस्योद्घाटन हुआ। हालांकि आरोपी वरुण ने यह भी कहा कि उसने स्वयं भी स्लो पाइजन खाया था लेकिन टेस्ट के दौरान उसके शरीर में स्लो पाइजन नहीं पाया गया। पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।