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सपा-कांग्रेस मिलकर लड़ेंगी चुनाव, सीटों का हुआ बंटवारा

Sapa Congress

यूपी की दस सीटों में होने वाले उपचुनावों में कांग्रेस और सपा मिलकर चुनाव लड़ेंगे। सपा आठ सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि कांग्रेस को दो सीटें मिलेंगी। फिलहाल चुनाव आयोग ने नौ सीटों के लिए चुनावी कार्यक्रम तय किया है। मिल्कीपुर की सीट पर पिटीशन होने की वजह से यहां के लिए चुनाव की तारीखें तय नहीं हुई हैं। बाकी सीटों पर 13 नवंबर को चुनाव होना है। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि कांग्रेस को उपचुनाव में गाजियाबाद और खैर सीट दे दी गई है। खैर सीट अलीगढ़ जिले में आती है। इन दो सीटों के अलावा बाकी सीटें सपा लड़ने जा रही है। कुंदरकी सीट के अलावा पार्टी ने बाकी सीटों पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच इस मुद्दे पर श्रीनगर में बुधवार को चर्चा हुई थी। कांग्रेस पहले से ही यह दो सीटें मांग रही थी। सपा 9 अक्तूबर को ही मिल्कीपुर के साथ करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी और मझवां में प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। अब प्रत्याशी उतारने के लिए कुंदरकी, मीरापुर, गाजियाबाद और खैर सीटें बची थीं। आज ही शाम को सपा ने मीरापुर में प्रत्याशी घोषित कर दिया था। 

समाजवादी पार्टी ने मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के लिए सुंबुल राणा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सुंबुल राणा पूर्व सांसद कादिर राणा की पुत्रवधू हैं और बसपा नेता एवं पूर्व सांसद मुनकाद अली की बेटी हैं। अयोध्या जिले की मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट पर 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल याचिका फैसला टलने के लिए भाजपा ने सपा को जिम्मेदार ठहराया है। प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने कहा कि सपा इस सीट पर हार से डर रही है। इसलिए जानबूझ कर याचिका का विरोध किया है। इससे स्पष्ट है कि सपा चुनाव लड़ने से भाग रही है। उन्होंने कहा कि अगर सपा वास्तव में चुनाव कराना चाहती है तो उसे चुनाव आयोग में लिखित रूप से देना चाहिए और चुनाव कराने की मांग करनी चाहिए।

मंत्री ने कहा सपा यह जान चुकी है कि उसे सभी सीटों पर मुंह की खानी पड़ेगी। इसलिए वह किसी न किसी बहाने चुनाव को टलवाना चाहती है। वहीं, याचिका दाखिल करने वाले गोरखनाथ का भी कहना है कि 2022 के चुनाव परिणाम को लेकर एक और याचिका दाखिल करने वाले शिवमूरत भी उनके साथ याचिका वापस लेने के लिए कोर्ट आए हुए थे, लेकिन सपा नहीं चाहती है कि मिल्कीपुर सीट पर चुनाव हो। इसलिए सपा ने याचिका के वापस होने संबंध अपील का विरोध किया है।

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