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Sultanpur SP Dr Arvind को सत्ता से टकराना पड़ा मंहगा, मिली ये सजा

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Sultanpur SP Dr Arvind का हाल ही में तबादला कर दिया गया। कहते हैं कि सत्ता का अफीम बड़ा मादक होता है और इसके स्वाद को जिसने चख लिया उसे फिर हर तरफ सही ही दिखाई पड़ता है। कुछ ऐसा ही हुआ यूपी के सुल्तानपुर में जहां कुछ दिन पूर्व ही पुलिस कप्तान की कुर्सी संभाले डॉ. अरविंद चतुर्वेदी को इसलिए हटा दिया गया क्योंकि उन्होंने कुछ दिन पहले सत्ता से ताल्लुक रखने वाले कुछ असामाजिक तत्वों को रंगदारी मानने के आरोपों में जेल भेज दिया।

बस, इतनी सी बात सत्ताधारियों के गले नहीं उतरी और वो एकजुट होकर डॉ. अरविंद चतुर्वेदी (Sultanpur SP Dr Arvind) के पीछे पड़ गए। जनवरी की शुरुआत में बाराबंकी से सुलतानपुर आए कप्तान डॉ. अरविंद चतुर्वेदी का ट्रांसफर हो गया। देश की शीर्ष अदालत का आदेश है कि एक जिले या एक पोस्ट पर कम से कम दो साल की तैनाती दी जाए, जब तक कोई गंभीर आरोप या भ्रष्टाचार की शिकायत न हो।

Sultanpur SP Dr Arvind के तबादले की पटकथा को समझिये

कप्तान अरविंद चतुर्वेदी (Sultanpur SP Dr Arvind) और भाजपाइयों में तना-तनी तब हुई, जब जिले के गोसाईंगंज थाने की पुलिस ने पूर्व प्रधान एवं बीजेपी नेता रमेश शर्मा समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने बीजेपी नेता और उसके साथियों पर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के सुपरवाइजर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया था। आरोप लगा था कि मिट्टी ढुलाई के काम में बीजेपी नेता रंगदारी मांग रहे हैं।

बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल एसपी से था मिला

जेल भेजने की कार्रवाई के बाद ये मामला भगवा रंग में रंग गया। बुधवार को बीजेपी जिलाध्यक्ष डॉ. आरए वर्मा, सांसद प्रतिनिधि रणजीत सिंह, सुलतानपुर विधायक सूर्यभान सिंह, कादीपुर विधायक राजेश गौतम और लंभुआ विधायक देवमणि द्विवेदी और अन्य प्रतिनिधि डीएम-एसपी (Sultanpur SP Dr Arvind) से मिले थे। भाजपाइयों ने गोसाईंगंज थाने के प्रभारी पर जबरिया कार्रवाई का आरोप लगाया था। साथ ही ये भी आरोप मढ़े थे कि थानाध्यक्ष गैर कानूनी कृत्य करा रहे हैं। लेकिन एसपी ने बात को सुना अनसुना कर दिया और शिकायत के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया। नतीजा ये हुआ कि मातहत की कुर्सी बचाने में उनकी खुद की कुर्सी चली गई।

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