मुंबई। ताइवान के चीन से बिगड़े हालातों के बीच फ्रांसीसी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल ताइपे दौरा करने वाला है। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अमेरिकी अधिकारियों के बाद फ्रांस ने भी ताइवान दौरा करने का निर्णय लिया है जो स्वागत योग्य कदम है।
बता दें कि इससे पहले अमेरिकी सीनेटर नैन्सी पेलोसी के ताइपे दौरे पर चीन को मिर्ची लगी थी। इस बार यूरोपीय देश फ्रांस के ताइवान दौरे को लेकर चीन फिर भड़क सकता है। हालांकि ताइपे ने कहा है कि चीन के साथ तनाव बढ़ने के बावजूद ताइवान समान विचारधारा वाले लोकतंत्रों के साथ संबंधों को मजबूत करने का इच्छुक रहा है।
ताइवान को अपनी धरती का हिस्सा बताने का दावा करने वाले चीन के साथ ताइवान भी अब खुलकर सामने आ गया है। हाल ही में ताइवान ने दावा किया था कि उसने चीनी ड्रोन को मार गिराया था। दावा किया कि चीन का ड्रोन उसकी सीमा के अंदर प्रवेश कर गया था। इसलिए उसे जवाबी कार्रवाई में ऐसा करना पड़ा। ताइवान ने ड्रैगन को संकेत दिया कि अगर आत्मरक्षा की बात आएगी तो वह चुप नहीं बैठेगा।
पांच फ्रांसीसी सांसद पहुंचेंगे ताइवान
पांच फ्रांसीसी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह ताइवान का दौरा करेगा। ताइवान विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को मामले की जानकारी दी कि फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल बुधवार को पहुंचेगा और सोमवार तक रहेगा। इसमें कहा गया है कि वे राष्ट्रपति साई इंग-वेन के बजाय उपराष्ट्रपति विलियम लाई से मिलेंगे।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक की भविष्यवाणी, आज एशिया कप से बाहर हो सकता है भारत
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि क्रॉस-पार्टी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सीनेटर सिरिल पेलेवेट करेंगे। कहा कि चीन के साथ तनाव बढ़ने के बावजूद ताइवान समान विचारधारा वाले लोकतंत्रों के साथ संबंधों को मजबूत करने का इच्छुक रहा है। इस वर्ष के अंत में, जर्मन, ब्रिटिश और कनाडाई विधायकों के भी दौरे की उम्मीद है।
गौरतलब है इससे पहले अमेरिकी सीनेटर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था। नैन्सी के ताइवान दौरे के बाद चीन भड़क गया था और अमेरिका को सीधे चुनौती दे डाली थी। चीन ने अपने लड़ाकू विमानों को ताइवान सीमा के पास उड़ाकर अपने खतरनाक इरादे दिखाए।
हालांकि चीन की इस हरकत पर ताइवान ने अपने तेवर नरम नहीं किए तो चीन बैकफुट में आ गया। हालांकि अभी भी दोनों देशों के बीच जमीन पर विवाद सामने आते रहा है। नैन्सी के बाद कई अन्य अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंचे, जिनमें सांसद और एरिजोना राज्य के गवर्नर शामिल थे।