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मलिन बस्तियों में चलाया टीबी उन्मूलन जागरूकता अभियान

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कोविड-19 की दूसरी लहर का असर काफी हद तक कम होने पर स्वास्थ्य विभाग की अन्य सेवाएं भी सुचारू ढंग से आरंभ हो गयी हैं। जिला क्षय रोग विभाग ने भी टीबी उन्मूलन के लिए जागरूकता अभियान आरंभ कर दिया है, जिससे टीबी के बारे में लोगों में जागरूकता फैल सके। इसके लिये विभाग सामाजिक संगठनों का सहयोग ले रहा है। इसी परिपेक्ष में मंगल पांडे नगर, साबुन गोदाम, नयी बस्ती में स्वास्थ्य विभाग बेटियां बचाओ फाउंडेशन के साथ मिलकर टीबी के प्रतिजागरूकता अभियान चला रहा है।

मंगलवार को जिला क्षय रोग विभाग व बेटियां बचाओ फाउंडेशन के तत्वावधान में मंगल पांडे नगर , मलियान व नयी बस्ती में कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान महिलाओं व बच्चों को एकत्रित कर टीबी से बचाव के प्रति जागरूक किया गया। डिस्ट्रिक पीपीएम कोर्डिनेटर शबाना बेगम व फांउन्डेशन की अध्यक्ष अंजू पांडे ने टीबी के लक्षण को पहचाने व उसके समय से उपचार कराने पर जोर दिया।

उन्होंने बताया टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। समय से इसका उपचार कराया जाए तो इससे निजात मिल सकती है। कार्यक्रम में आये बच्चों व महिलाओं ने बातों को ध्यान पूर्वक सुना। इस दौरान महिलाओं व बच्चों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया गया। डिस्ट्रिक पीपीएम कोर्डिनेटर ने बताया टीबी की साधारण बीमारी छह माह के कोर्स से, मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी से नौ से 11 माह के कोर्स से व एक्सडीआर टीबी 18 से 20 माह के कोर्स से पूरी तरह ठीक हो सकती है।

उन्होंने बताया मर्ज को छिपाना नहीं चाहिए बल्कि उसका इलाज कराना चाहिए। उन्होंने बताया टीबी से मुक्ति के लिये ज्वांइट एफर्ट्स फार ऐलिमिनेशन ऑफ ट्यूबरक्लोसिस यानि जीत फाउंडेशन अभियान चला रहा है, जिसमें प्रत्येक मरीज की बलगम के साथ -साथ एचआईवी, मधुमेह की जांच भी करायी जाती है। उन्होंने कहा कि एमडीआर टीबी के मरीज को जांच के लिये ले जाते समय ट्रांसपोर्टेशन चार्ज भी दिया जाता है। जिले में 45 केन्द्रों पर टीबी की जांच करायी जा रहा है।
इन्होंने कहा
टीबी को देश से 2025 तक मुक्त करने के लिये अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है। एक जुलाई से चलाये जा रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत टीबी मरीजों को तलाश कर उनका उपचार कराया जाएगा।
गुलशन राय – जिला क्षय रोग अधिकारी, मेरठ।

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