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जलती फसल को पुलिस ने जान जोखिम में डालकर बुझाया

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कुड़वार/सुलतानपुर। वैसे तो पुलिस का नाम जुबान पर आता हैं, तो ज्यादातर लोगों का नजरिया सिकुड़ने लगता है, लेकिन मुसीबत में हमें रिश्तेदार से भी पहले पुलिस ही याद आती है। क्योंकि उस समय हमारा भरोसा अपनों से भी ज्यादा खाकी वालों पर होता है, और हो भी क्यूं ना, क्योंकि जहा अपने साथ छोड़कर आगे बढ़ जाते है, वही पुलिस हाथ पकडकर हमारे लिए अपनी जांन भी जोखिम में डालकर हमें परेशानियों से निजात दिलाने में खुद को दांव पर लगाने से भी नही पीछे हटती। मामला कुड़वार थाना क्षेत्र के सहाबागंज का है, जहां एक किसान के गेहूँ की खड़ी फसल में आग लग गई, राहगीर से लेकर ग्रामीण भी बस जल रही फसल को देखते रहे, किसी ने डायल 112 को फोन किया। मौके पर डायल ११२ पहुंची और बगैर किसी संसाधन के जलती हुई फसल को बचाने के लिए पुलिस वाले खेत में कूद पड़े। मौके पर पेड़ की पत्तीदार टहनियाँ तोड़कर जलती हुई फसल को आखिरकार  बुझाकर ही दम लिया। जबकि दर्जनों ग्रामीण सिर्फ तमाशा ही देखते नजर आए, हां कुछ लोग पुलिस वालों की हिम्मत देखकर स्वयं भी उनकी मदद मे खेत में आकर आग को बुझाने में सहयोग करने लगे। मौके पर उमडी़ भीड़ ने पुलिस के इस कारनामें की प्रशंसा करते नही थके।

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Santram Pandey

पत्रकारिता के 40 बसंत पार कर चुके संतराम पांडे, पूर्णकालिक पत्रकार हैं और खाटी पत्रकारिता के जीवंत उदाहरण स्वरूप अंकुरित प्रतिभाओं को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। वर्तमान में ई-रेडियो इंडिया के वरिष्ठ संपादक हैं।

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