देश की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम की घबराहट बढ़ रही है। केरल में वायनाड की लोकसभा सीट और पलक्कड विधानसभा सीट पर वह बुरी तरह से घिरी है। एक तरफ भाजपा के वोट आधार में बढ़ोतरी हो रही है और धीरे धीरे हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण दिखने लगा है तो दूसरी ओर मुस्लिम वोट लगभग पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में एकजुट हो रहा है। इसका सबसे बड़ा नुकसान लेफ्ट मोर्चे को होने वाला है। सीपीएम के नेता मान रहे हैं कि कहीं ऐसा न हो कि एक झटके में पार्टी पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा की तरह राज्य की राजनीति में बिल्कुल हाशिए पर चली जाए।
हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण इतना स्पष्ट है कि एक आईएएस अधिकारी के हिंदू अधिकारियों का एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाने की खबर आई। हालांकि अधिकारी ने बाद में कहा कि उसका फोन हैक करके ऐसा किया गया। लेकिन इसमें कोई तथ्य नहीं है। हिंदू भाजपा के पक्ष में और मुस्लिम कांग्रेस के पक्ष में एकजुट होता है तो सीपीएम के पास क्या बचेगा? इस चिंता में मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने आरोप लगाया है कि वायनाड सीट पर प्रियंका गांधी वाड्रा जमाते ए इस्लामी की मदद से लड़ रही हैं। सोचें, उनको मुस्लिम समर्थन मिल रहा है तो विजयन उसको जमात ए इस्लामी का समर्थन बता रहे हैं। उन्होंने जम्मू कश्मीर की भी मिसाल दी, जहां जमात ने कई मुस्लिम उम्मीदवारों का समर्थन किया था। क्या इससे हिंदू या ईसाई वोट सीपीएम को मिल सकता है? इसकी कोई उम्मीद नहीं है। अगर मुस्लिम कांग्रेस के साथ एकजुट हुए तो ईसाई भी उसी के साथ जाएंगे।